बिहार: पहली बार चुनाव में 734 दागी किए गए जिलाबदर
निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए बड़े पैमाने पर दागी जिलाबदर किए जा रहे हैं। चुनाव में गड़बड़ी की आशंका रखनेवाले ऐसे दागियों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) की धारा (3) के तहत शिकंजा कसा जा रहा है।...
निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए बड़े पैमाने पर दागी जिलाबदर किए जा रहे हैं। चुनाव में गड़बड़ी की आशंका रखनेवाले ऐसे दागियों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) की धारा (3) के तहत शिकंजा कसा जा रहा है। सीसीए की धारा 12 के अधीन भी कार्रवाई जारी है। जेल में बंद वैसे शातिरों पर सीसीए की धारा 12 लगाई जाती है जिसके बाहर आने से गड़बड़ी या शांति भंग होना का खतरा बना रहता है। सीसीए की यह धारा लगने के बाद संबंधित शख्स को एक वर्ष तक जेल में रहना होगा चाहे उसे जमानत ही क्यों न मिल जाए।
149 शातिरों को जेल में रखने की अनुशंसा: सीसीए की धारा 12 के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। यह धारा पहले से जेल में बंद शातिरों पर ही लगाई जाती है। अबतक 149 शातिरों को सलाखों के पीछे रखने की अनुशंसा पुलिस ने की है। डीएम द्वारा पुलिस के 81 प्रस्तावों को पारित कर दिया गया है। लखीसराय में सबसे ज्यादा 9, किशनगंज में 8, मुंगेर में 6, और बेगूसराय के 5 मामले शामिल हैं। इसमें 19 मामलों को पटना उच्च न्यायालय द्वारा संपुष्ट कर दिया गया है। सीसीए की धारा 12 में एक वर्ष तक जेल में रहना पड़ता है। हालांकि यह तभी लागू रह सकता है जब हाईकोर्ट की एडवाइजरी बोर्ड सीसीए लगाने के कारणों को जायज मानेगी। हालांकि हाईकोर्ट की संपुष्टि के बावजूद राज्य सरकार चाहेगी तभी संबंधित व्यक्ति को हिरासत में रखा जा सकता है।
जिलाबदर के 2595 प्रस्ताव दिए गए
कुछ दिनों पहले तक राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस ने 2595 दागियों को जिलाबदर करने का प्रस्ताव डीएम को सौंपा। इसमें 734 प्रस्ताव को डीएम के स्तर से सहमति मिलने के बाद जिलाबदर का फरमान जारी कर दिया गया। सबसे अधिक 590 प्रस्ताव पटना पुलिस ने दिए, जिसमें 64 पर सीसीए की धारा 3 लगाई गई। इसी तरह मधुबनी में 107 में 77 और समस्तीपुर में 125 में 45 दागियों को जिलाबदर करने का आदेश जारी कर दिया गया। कई जिलों में इसकी संख्या शून्य है। सीसीए के सेक्शन 3 में कमिश्नर के पास अपील की जा सकती है।