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सांप्रदायिक हिंसा को पूर्वनियोजित परिभाषित करने की मांग

प्रवासी भारतीयों के एक दल ने गृह मंत्री पी चिदंबरम से किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा को पूर्वनियोजित हिंसा के रूप में परिभाषित करने की अपील की है।      दल ने गृहमंत्री को...

सांप्रदायिक हिंसा को पूर्वनियोजित परिभाषित करने की मांग
एजेंसीSat, 27 Feb 2010 02:32 PM
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प्रवासी भारतीयों के एक दल ने गृह मंत्री पी चिदंबरम से किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा को पूर्वनियोजित हिंसा के रूप में परिभाषित करने की अपील की है।
    
दल ने गृहमंत्री को तर्क दिया है कि सांप्रदायिक हिंसा सामाजिक और राजनीतिक बुराई है इसलिए इसको पूर्वनियोजित परिभाषित किया जाना चाहिए।
 
नॉन रेजिडेंट इण्डियंस फॉर सेकुलर एण्ड हार्मोनियस इण्डिया नामक संगठन ने चिदंबरम को एक पत्र लिखकर कहा है कि पूर्वनियोजित हिंसा में यौन हिंसा, बलात्कार, लैंगिक हिंसा, नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, भड़काऊ भाषण और भड़काऊ साहित्य को भारतीय दण्ड संहिता के हिंसा से अलग परिभाषित किया जाना चाहिए।
    
इस पत्र में कहा गया है कि हम संप्रग सरकार की सांप्रदायिक हिंसा को प्राथमिकता मानकर इसके खिलाफ विधेयक लाने पर प्रशंसा करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि सांप्रदायिक हिंसा से बचाव ही सही इलाज है।
   
इसमें कहा गया है कि भारत एक उभरती हुई शक्ति है। देश में मानवीय और भौतिक संसाधनों का पूरा उपयोग करने के लिए कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाना चाहिए। सांप्रदायिक हिंसा की परिभाषा में मौखिक और भौतिक दोनों तरह की हिंसा को शामिल किया जाना चाहिए।

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