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बड़ी आय पर बड़ा फायदा और छोटी आय पर छोटा-फायदा

बजट 2010-11 में व्यक्तिगत आयकर के स्तरों में बदलाव और निवेश पर कटौती की नयी व्यवस्था के तहत उच्च आय वालों को अपेक्षाकृत मोटा फायदा होगा। बजट में तीन लाख रुपये से शुरू होकर आठ लाख से अधिक वाली सालाना...

बड़ी आय पर बड़ा फायदा और छोटी आय पर छोटा-फायदा
एजेंसीSat, 27 Feb 2010 10:21 AM
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बजट 2010-11 में व्यक्तिगत आयकर के स्तरों में बदलाव और निवेश पर कटौती की नयी व्यवस्था के तहत उच्च आय वालों को अपेक्षाकृत मोटा फायदा होगा। बजट में तीन लाख रुपये से शुरू होकर आठ लाख से अधिक वाली सालाना आमदनी वाले आयकरदाताओं के लिए आयकर स्लैब में बदलाव किया गया है तथा धारा 80 सी के तहत निवेश पर कटौती की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1,20,000 रुपये कर दी गयी है।

आयकर विशेषज्ञों के अनुसार तीन लाख रुपये तक सालाना सकल आमदनी वाले आयकरदाता पर आयकर का बोझ अब 2,060 रुपये कम हो जाएगा। यह तब होगा जब आयकरदाता 80 सी के तहत मिलने वाली पूरी छूट का लाभ उठाएगा और निर्धारित योजनाओं में 1,20,000 रुपये का निवेश करेगा।

आयकर विशेषज्ञ सत्येंद्र जैन के मुताबिक, अभी तक तीन लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले को पहले 80 सी के तहत एक लाख रुपये बचत तथा तीन प्रतिशत का शिक्षा उपकर (120 रुपये) जोड़ने के बाद कुल 4,120 रुपये का आयकर देना होता था। नयी व्यवस्था में ऐसे करदाता को पर कुल कर देयता 2,060 रुपये रह जाएगी। इसमें शिक्षा उपकर भी 120 रुपये से घटकर 60 रुपये रह जाएगा।

इसी तरह चार लाख रुपये सालाना आमदनी वाले आयकरदाता पर सालाना आयकर 14,420 रुपये से घटकर 12,360 रुपये रह जाएगा और उसे भी सालाना 2,060 रुपये की बचत होगी।
   
आयकर की दूसरी स्लैब पांच लाख ये अधिक और आठ लाख रुपये तक की होगी। इसके तहत 20 प्रतिशत का आयकर लगेगा।
    
ऐसे लोग जिनकी सालाना सकल आय पांच लाख रुपये है, उन्हें अब 10 प्रतिशत की दर से  करदेयता 22,660 रुपये रह जाएगी। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि इस आय वर्ग के आयकरदाता 80सी के तहत 1,20,000 रुपये का निवेश करें। पहले उनकी करदेयता 35,020 रुपये बैठती थी। इस तरह उन्हें सालाना 12,360 रुपये की बचत होगी।
    
जैन के मुताबिक, इसी तरह आठ लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले आयकरदाताओं को अब 20 प्रतिशत सालाना की दर से 72,100 रुपये का आयकर बनेगा, जो पहले 1,17,420. रुपये बैठता था। इस तरह आठ लाख की आय वाले करदाता को निवेश पर पूरी छूट का लाभ लेने के बाद आयकर में अब 45,320 रुपये की बचत होगी।

विशेषज्ञों के मुताबिक, दस लाख रुपये की सालाना आमदनी वालों के लिए 30 प्रतिशत की दर पर सालाना आयकर अब 1,79,220 रुपये से घटकर 1,21,540 रुपये रह जाएगा और इस तरह उन्हें 57,680 रुपये की बचत होगी।

11 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को अब 1,52,440 रुपये का आयकर देना होगा, जो पहले 2,10,120 रुपये बैठता था। इस तरह उन्हें भी सालाना 57,680 रुपये की बचत होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, निवेश छूट की सीमा का पूरा लाभ उठाने के बाद अधिकतम आयकर की बचत 57,680 रुपये होगी।

आयकर की नई स्लैब के अनुसार, पुरुषों की 1.6 लाख रुपये तथा महिलाओं की 1.9 रुपये सालाना आय पर करमुक्त है। अब 1.6 लाख रुपये से (महिलाओं के लिए 1.9 लाख रुपये) पांच लाख रुपये तक की आमदनी पर आयकर की दर 10 प्रतिशत होगी। वहीं पांच लाख रुपये से उपर और आठ लाख रुपये तक आयकर 20 प्रतिशत होगा, जबकि आठ लाख रुपये से अधिक की आय पर आयकर की दर 30 प्रतिशत होगी।

अभी तक 1.6 लाख रुपये की आय पर कोई आयकर नहीं लगता है, जबकि तीन लाख रुपये तक की आय पर आयकर की दर 10 प्रतिशत, पांच लाख की आय पर आयकर की दर 20 प्रतिशत तथा इससे अधिक की आमदनी पर आयकर की दर 30 प्रतिशत थी।



आय कर की नई दरें:-

- 1.6 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं।
- 5 लाख तक 10 प्रतिशत टैक्‍स।
- 5-8 लाख तक 20 प्रतिशत टैक्स।
- 8 लाख से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स।

मुखर्जी ने कहा कि आज जब मैं आपके सामने खड़ा हूं, मैं कुछ यकीन से कह सकता हूं कि हम संकट से बेहतर ढंग से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह नहीं कहा जा रहा है कि आज की चुनौतियां नौ महीने पहले की चुनौतियों से कम बड़ी हैं, जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में दोबारा कार्यभार संभाला था।

 

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सूचीबद्ध की गई तीन चुनौतियां आज भी प्रासंगिक हैं। इनमें जल्द से जल्द नौ फीसदी की उच्च विकास दर पर लौटना और उसे दहाई के आंकड़े तक ले जाना, विकास को ज्यादा समग्र बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास करना तथा खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाना शामिल है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2009 में फरवरी में उन्होंने अंतरिम बजट और जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया था। उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था अनिश्चितता, मंदी और दौर से गुजर रही थी और व्यापार जगत में उत्साह कम था। लेकिन इस साल का बजट वर्ष 2009-10 के आर्थिक सर्वेक्षण की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है जो अगले वर्षो में 10 फीसदी विकास दर के आंकड़े को छू सकती है।

जिस समय मुखर्जी सदन में बजट पेश कर रहे थे उस समय वहां लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार के अलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज मौजूद थीं।
 मुखर्जी का यह चौथा तथा लगातार दूसरी बार सत्ता में आई संप्रग सरकार का दूसरा बजट है।
बजट को सदन में पेश करने से पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उसे मंजूरी दिलाई गई।

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जब बजट भाषण शुरू किया तो सदन का माहौल पूरी तरह शांत हो गया। यह माहौल दो दिन पहले पेश हुए रेल बजट के बिल्कुल विपरीत था। विपक्ष ने बुधवार को रेल बजट पेश होने के दौरान बीच-बीच में काफी शोरगुल किया था लेकिन शुक्रवार को सभी प्रणब मुखर्जी के बजट भाषण को शांति के साथ सुनते नजर आए।

रेल मंत्री ममता बनर्जी को रेल बजट में अपने राज्य को तवज्जो देने का आरोप भी झेलना पड़ा था। इसके अलावा उनके उच्चारण को लेकर भी कुछ हंसी-मजाक हुआ था लेकिन उनके सहयोगी और पश्चिम बंगाल से ही संबंध रखने वाले प्रणब मुखर्जी के लिए सदन का माहौल बिल्कुल अलग रहा।

 बजट की खास बातें:-

- 9 प्रतिशत विकास दर हासिल करने का लक्ष्य।
- लद्दाख के लिए 500 करोड़ का प्रोजेक्ट
- पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी (दाम बढ़ेंगे)।
- बड़ी गाड़ी लेना होगा महंगा, टैक्स बढ़ा।
- पेट्रोल डीजल एक रुपए तक महंगे होंगे।
- रक्षा क्षेत्र के लिए 1लाख 47 हजार 344 करोड़। ( 60 हजार करोड़ की बढ़ोतरी)।
- इंदिरा आवास के लिए 10000 करोड़ रुपए
- बुंदलेखंड के लिए 1200 करोड़ रुपए-
 - भारत निर्माण के लिए 48000 करोड़ रुपए- 
- गोवा के समुद्र तटों के लिए 200 करोड़
- कोयला रेग्यूलेरटी अथॉरिटी बनेगी
- सोलर एनर्जी के लिए इस साल 400 करोड़ रुपए
- स्कूली शिक्षा के लिए 31000 करोड़ रुपए
- सेहत के लिए 22300 करोड़ रुपए
- देश के हर जिले में स्वास्थ्य सर्वे
- ड्रॉफ्ट फूड सेक्यूरिटी बिल तैयार
- ग्रामीण विकास के लिए 66000 हजार करोड
- नरेगा के लिए 40000 करोड
- किसानों को 5 प्रतिशत की दर पर लोन
- रेलवे को 16752 करोड़ रुपए।
- रूपए के लिए अलग सिंबल बनाने का काम जारी
- रक्षा क्ष्‍ोत्र के लिए 147344 करोड़ रुपए
- इसी साल मिलने लगेंगे UID
- रक्षा बजट 60 हजार करोड़ रुपए बढ़ा
- सड़क निर्माण पर खर्च 13 प्रतिशत बढ़ा
- टैक्स से 7 लाख 46 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे
- खजाने का घाटा जीडीपी का 5.5 प्रतिशत
- इस साल 8.7 प्रतिशत ज्यादा रकम का बजट
- इन्फ्रास्ट्रक्टर बांड पर 20 हजार की छूट।
- सर्विस टैक्स में बदलाव नहीं, 10 प्रतिशत पर बना रहेगा।
- नकद सब्सिडी बढ़ेगी इस साल
- रिटर्न भरने के लिए सरल-2 फॉर्म तैयार, दो पेज का फॉर्म
- नेशनल सोशल सेक्योरिटी फंड बनेगा
- 20 लाख तक होम लोन पर 1 प्रतिशत रियायत
- अल्पसंख्यक मंत्रालय को 2600 करोड़
- व्यक्तिगत पहचान कार्ड योजना के लिए 1900 करोड रुपए
- होम लोन पर छूट जारी रहेगी
- शहरी विकास के लिए 5400 करोड़
- राजीव आवास योजना के लिए 1270 करोड़ रुपए
- नरेगा मजदूरों का स्वास्थ्य बीमा
- हर एनपीएस खाते पर हर साल 1000 रुपए देंगे
- कृषि कर्ज पर 2 प्रतिशत सब्सीडी
- महिला किसान सशक्तिकरण योजना
- महिला बाल विकास के लिए बजट बढ़ा
- कोयला खदानों की खुली बोली।
- सोलर एनर्जी के लिए 1000 करोड़ रुपए।
- गंगा की सफाई के लिए 500 करोड़ रुपए।
- होजरी उद्योग के लिए 200 करोड़ रुपए।
- बिजली सेक्टर को 5130 करोड़ रुपए।
-मुद्रास्फीति में कमी के आसार
- विनिवेश का बहुत फायदा हुआ।
- FDI को और आसान बनाया जाएगा।
- नए निजी बैंको को मंजूरी मिलेगी।
- सरकारी बैंकों को 16,500 करोड़ की पूंजी।
- खाद पर किसानों को सीधे सब्सिडी।
- कृषि कर्ज चुकाने की मियाद बढ़ी।
- कम बारिश महंगाई के लिए जिम्मेदार।
- सड़कों के लिए बजट में 30 फीसदी बढ़ोतरी।
- हर रोज 20 किमी हाइवे बनाएंगे।
- नए प्राइवेट बैंकों को देंगे लाइसेंस।
- दिल्ली, मुंबई में बनेगा आद्योगिक गलियारा।
- किसानों को 3 लाख 75 हजार का लोन।
-आसान टैक्‍स सिस्टम लागू कराएंगे
-बुनियादी ढ़ांचे के विकास पर जोर
-अप्रैल 2011 तक GST लागू होगा
-विनिवेश से सोशल सेक्टर के लिए पैसा
-2011 से डायरेक्ट टेक्स कोड की कोशिश
-विनिवेश से 25 हजार करोड़ रुपए जुटाएंगे
-किरीट पारिख कमेटी पर फैसला अभी नहीं
- प्रोत्साहन पैकेज की समीक्षा जरूरी।
- सरकारी योजनाओं को लागू कराना बड़ी चुनौती।
- शिक्षा और स्वास्थ्य पर होगा जोर।
- मंदी के दौर से अर्थव्यवस्थ उबरी।
- दिसंबर से महंगाई में स्थिरता का रुझान।
- कृषि के क्षेत्र में गिरावट के बावजूद अर्थव्यवस्था में तेजी
- जीडीपी की दर 6.1  प्रतिशत रही
- महंगाई रोकने की कोशिश जल्द रंग लाएगी
- निजी निवेश बढ़ने के आसार
-जनवरी में एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा
- कंपनियों का टैक्स सरचार्ज घटा
- पेट्रोलियम उत्पाद महंगे होंगे
- प्रोत्साहन पैकेज में कटौती होगी
- सीमेंट के दाम बढ़ेंगे
- तंबाकू उत्पादों के दाम बढ़ेंगे

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