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खेलों में मप्र के लिए उपलब्धियों भरा रहा साल

बीजिंग ओलंपिक में पिछले साल मिली सफलता ने भारत ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश में भी खेलों को नए आयाम दिए और प्रदेश के लिए वर्ष 2009 उपलब्धियों भरा रहा है। राज्य की भाजपा सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के...

खेलों में मप्र के लिए उपलब्धियों भरा रहा साल
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 30 Dec 2009 12:45 PM
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बीजिंग ओलंपिक में पिछले साल मिली सफलता ने भारत ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश में भी खेलों को नए आयाम दिए और प्रदेश के लिए वर्ष 2009 उपलब्धियों भरा रहा है। राज्य की भाजपा सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए जहां चालू वित्तीय वर्ष के बजट में बढ़ोतरी की है, वहीं खिलाडि़यों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं दी गई हैं। खेलों को नई दिशा देने के लिए राज्य में स्थापित की गई अकादमियों ने इस वर्ष अभूतपूर्व सफलता हासिल करने के साथ ही प्रदेश में कई ऐसे आयोजन भी बरसों बाद हुए, जिससे उभरती प्रतिभाओं को नए अवसर मिले हैं। इन उपलब्धियों के साथ ही कुछ विवाद भी देश के साथ प्रदेश को राष्ट्रीय सुर्खियों में बनाए हुए है।

प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिला एवं पुरूष हॉकी की राष्ट्रीय टीमों के शिविर स्थानीय गोरागांव स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के मध्य क्षेत्रीय केन्द्र में लगाए गए, जिनमें से पुरूष टीम ने जहां अजलान शाह कप पर कब्जा जमाया, वहीं महिला टीम ने एशिया कप का ताज अपने नाम किया। इसके अलावा महिला टीम ने विश्व कप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।

भोपाल के एकमात्र स्नूकर खिलाड़ी कमल चावला ने आईबीएसएफ विश्व स्नूकर चौपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। कमल ने क्वार्टर फाइनल तक एकमात्र भारतीय के रूप में चुनौती प्रस्तुत की। इसके साथ ही कमल ने विश्व में पांचवीं रैकिंग हासिल कर मध्यप्रदेश का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया। कमल चावला की इस उपलब्धि ने उसके लिये एशियन चौपियनशिप और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के रास्ते खोल दिए हैं। कमल के अलावा नितिन कैथवास एवं प्रशांत शिंदे ने अखिल भारतीय आमंत्रण स्नूकर टूर्नामेंट में उपविजेता होने का गौरव हासिल किया।

प्रदेश की राजधानी भोपाल में इस वर्ष दो बड़े आयोजन हुए। इनमें देश के नामी सितारों का आगमन हुआ। राष्ट्रीय कुश्ती का भव्य आयोजन मध्यप्रदेश कुश्ती संघ द्वारा किया गया, वहीं मप्र एमेच्योर एथलेटिक्स संघ ने सीनियर नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता कराई। कुश्ती में बीजिंग ओलंपिक के कांस्य विजेता सुशील कुमार और विश्व कुश्ती के स्वर्ण विजेता रमेश कुमार ने प्रदेश के खिलाडि़यों को इस खेल की ओर आकर्षित किया। इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश के मुकेश कुमार ने फ्री स्टाइल कुश्ती का स्वर्ण पदक हासिल किया।

इसके अलावा एथलेटिक्स की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रदेश की ओर से खिलाडि़यों ने कोई प्रभावी प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन अंकित शर्मा ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को स्वर्णिम सफलता दिलाई। लंबी कूद के इस खिलाड़ी ने जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय रिकार्ड दर्ज किया और राष्ट्रमंडल खेल 2010 के संभावित एथलीट में स्थान बनाने में भी सफल रहा।

राज्य सरकार ने प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिन अकादमियों की स्थापना की उनके खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त सफलता का परचम लहराया। इन खिलाडि़यों ने विभिन्न वर्गों में 125 स्वर्ण, 93 रजत और 104 कांस्य पदक हासिल किए। इसमें मार्शल और आर्टस अकादमी के खिलाडि़यों ने जूडो, कराटे, वुशु, कुश्ती और ताईक्वांडो में प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर गौरान्वित किया।

राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता में प्रदेश को पहली बार उस समय उल्लेखनीय सफलता मिली जब बॉक्सिंग अकादमी की कृष्णा थापा ने हरियाणा की पिंकी जागड़ा को फाइनल में शिकस्त देकर सोने का तमगा हासिल किया। पिंकी ने क्वार्टर फाइनल में चार बार की विश्व चौपियन एमसी मैरीकाम को हराकर उथल-पुथल मचा दी थी। फाइनल में प्रदेश की कृष्णा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पिंकी को शिकस्त दी। फिलहाल कृष्णा भारतीय दल में शामिल है और कजाकिस्तान में अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में कांस्य पदक हासिल कर लौटी है।

देश को कई ओलंपियन और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाली भोपाल की हॉकी इस वर्ष काफी विवादों में रही। भोपाल में हाकी एसोसिएशन दो फाड़ हुआ और मामला अदालत तक गया। हॉकी इंडिया ने भी इन दोनों संघों को मान्यता देने से इन्कार कर दिया।

बास्केटबॉल में प्रदेश ने इस बार यूथ नेशनल का खिताब 12 वर्ष बाद जीता तथा कीर्ति गोस्वामी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फीबा हाफ कोर्ट बास्केटबाल में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। सीनियर स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रियाजुद्दीन ने मई में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेली, लेकिन चोट के कारण उन्हे बाद में विश्राम लेना पड़ा।

टेनिस में प्रदेश की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी पूजा कुदेसिया एवं एश्वर्या अग्रवाल ने राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रेदश को एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत किया।

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