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भ्रष्टाचार के मामलों से मैं भयभीत नहीं होने वालाः जरदारी

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि भ्रष्टाचार के पुराने मामलों से वह भयभीत नहीं हैं और चेताया कि पूर्ववर्ती तानाशाही शासन के सहयोगी अब लोकतंत्र समाप्त करने तथा न्यायिक प्रक्रिया से...

भ्रष्टाचार के मामलों से मैं भयभीत नहीं होने वालाः जरदारी
एजेंसीMon, 28 Dec 2009 04:58 PM
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पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि भ्रष्टाचार के पुराने मामलों से वह भयभीत नहीं हैं और चेताया कि पूर्ववर्ती तानाशाही शासन के सहयोगी अब लोकतंत्र समाप्त करने तथा न्यायिक प्रक्रिया से उनकी सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं।

वाल स्ट्रीट जर्नल के आप एड पन्ने के लिए लिखे आलेख में जरदारी ने कहा कि झूठे आरोपों के कारण मैंने करीब 12 वर्ष कैद में गुजारे हैं और यहां तक कि तानाशाहों और निरकुंशों ने भी अदालती व्यवस्था को अपने साथ मिला लिया था, लेकिन बेनजीर की तरह मैं कभी इन आरोपों से भयभीत नहीं हुआ।

जरदारी के आलेख के अनुसार पूर्व के तानाशाही हुकूमत का साथ देने वाली कुछ शक्तियां सोचती हैं कि न्यायिक प्रक्रिया से लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को समाप्त करने की मंशा पूरी हो सकती है और देश को अस्थिर किया जा सकता है।

बेनजीर भुट्टो की दूसरी पुण्यतिथि पर प्रकाशित लेख में जरदारी ने लिखा है, भ्रष्टाचार के कई पुराने मामले और पाकिस्तान में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई हर सरकार के खिलाफ साजिश अब हमारी सरकार की वैधता के लिए संकट बनी हुई है।

जरदारी के अनुसार, मेरे मंत्री, मेरी पार्टी, अन्य दलों के नेता और देश के हजारों नौकरशाह जरूरत पड़ी तो अदालतों में मामले पर खुद का बचाव करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य की कानूनी लड़ाई को लेकर वह बिल्कुल भयभीत नहीं है। जरदारी ने लिखा है, इसलिए पहले कानूनी प्रक्रिया शुरू होने दीजिए जिन्होंने लोकतंत्र के लिए दशकों से तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ी है वे न्याय से नहीं डरते, हम इसे स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी बलों ने आतंकवादियों से स्वात और मलाकंद को छीन लिया है और विस्थापित लोगों को वापस उनके घरों में बसाया गया है।

जरदारी ने लिखा, हमारे संघ प्रशासित कबाइली क्षेत्रों में दक्षिण वजीरिस्तान और कुछ अन्य प्रमुख शहरों सहित अन्य क्षेत्रों में हमने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान छेड़ा है और इस युद्ध में हम अवश्य जीतेंगे। आलेख के अनुसार, हम आतंकवादियों को लोगों पर हिंसा और उनका राजनीतिक एजेंडा थोपने नहीं देंगे। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की कमान पहली बार पाकिस्तान के लोगों के हाथ सौंपी गई है।

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