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भारत 2050 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा

भारत 2050 तक चीन और अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति विश्लेषक संस्थान कार्नेगी एन्डाओमेंट ने यह बात कही। कार्नेगी एन्डाओमेंट फार इंटरनेशनल पीस के...

भारत 2050 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा
एजेंसीSat, 21 Nov 2009 04:42 PM
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भारत 2050 तक चीन और अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति विश्लेषक संस्थान कार्नेगी एन्डाओमेंट ने यह बात कही।

कार्नेगी एन्डाओमेंट फार इंटरनेशनल पीस के नंवबर के बुलेटिन में कहा गया है कि चीन, भारत और अमेरिका 2050 तक विश्व की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेंगे। इन देशों का कुल सकल घरेलू उत्पाद अमेरिकी डालर के मूल्य में जी 20 देशों के कुल जीडीपी से 70 फीसदी प्रतिशत अधिक होगा।

बुलेटिन के लेख 2050 में जी 20 में कहा गया है कि चीन 2032 तक विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2050 तक अमेरिका के मुकाबले 20 फीसदी तेजी से वृद्धि करेगा। अगले 40 साल में जी 20 की कुल आर्थिक वृद्धि का 60 फीसदी सिर्फ ब्राजील, चीन, भारत, रूस और मेक्सिको में ही दर्ज होगा।

यह लेख उड़ी दादूश और बेनेट स्टैंसिल ने लिखा है। दादूश इस फाउंडेशन में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम के निदेशक हैं और स्टैंसिल कार्यक्रम के फेलो हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ चीन और भारत में ही सकल घरेलू उत्पाद बढ़कर करीब 60000 अरब डालर का हो जाने का अनुमान है जो फिलहाल पूरे विश्व का सकल घरेलू उत्पाद है लेकिन इन तीनों देशों में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में फर्क कायम रहेगा।

भारत का सालाना औसत सकल घरेलू उत्पाद 2009-2050 के बीच 6.19 फीसदी रहने का अनुमान है और ये उभरते बाजार प्रति व्यक्ति के लिहाज से विश्व के सबसे अमीर देशों से आगे नहीं बढ़ सकेंगे। 2050 में उनकी औसत आमदनी जी 7 के देशों की वर्तमान आय से करीब 40 प्रतिशत कम रहेगी।

लेख में इस बात पर जोर दिया गया कि विश्व की आर्थिक शक्ति नाटकीय तौर पर दूसरी ओर रुख कर रही है। लेखकों ने कहा कि जी 20 के विश्व के प्रमुख आर्थिक मंच के तौर पर उभरने से अपेक्षाकृत अधिक एकीकृत और जटिल आर्थिक दौर की शुरुआत का संकेत मिलता है।

अगले 40 साल में जी 20 देशों के सकल घरेलू उत्पाद की सालाना वृद्धि दर 3.6 फीसदी रहने की संभावना है। इन देशों का सकल घरेलू उत्पाद बढ़कर 161500 अरब डालर का हो जाएगा हो फिल्हाल 38300 अरब डालर है। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत के बारे में अनुमान है कि वह सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करेगा लेकिन इसका मौजूदा छोटा आकार इसे चीन और अमेरिका को पार करने से रोकेगा।

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