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ये हैं वो खिलाड़ी जिन पर होगी दुनिया की नजरें

हर खिलाड़ी चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन करके अपने देश के लिए यह ट्रॉफी जीतना चाहेगा, लेकिन कुछ खिलाड़ी हैं जिनके प्रदर्शन पर दुनियाभर की नजरें होंगी। ये वे खिलाड़ी हैं जिन पर अपनी टीम से...

ये हैं वो खिलाड़ी जिन पर होगी दुनिया की नजरें
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 28 Sep 2009 10:00 AM
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हर खिलाड़ी चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन करके अपने देश के लिए यह ट्रॉफी जीतना चाहेगा, लेकिन कुछ खिलाड़ी हैं जिनके प्रदर्शन पर दुनियाभर की नजरें होंगी। ये वे खिलाड़ी हैं जिन पर अपनी टीम से ज्यादा विपक्षी टीम और उसके मैनेजमेंट का समय खपता है। अगर इन खिलाडियों का दिन हो तो फिर इन्हें कोई नहीं रोक सकता और ये खिलाड़ी अकेले ही अपनी टीम के लिए मैच का परिणाम बदलने का माद्दा रखते हैं।

भारत :

सचिन तेंदुलकर
36 वर्षीय यह खिलाड़ी आज दुनियाभर में किसी की पहचान का मोहताज नहीं है। क्रिकेट की दुनिया में उन्हें बड़े सम्मान की नजरों से देखा जाता है और इनकी किसी भी बात या सुझाव को बीसीसीआई से लेकर आईसीसी तक हल्के में नहीं लेता। बल्लेबाजी के लगभग सभी रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम हैं और इन रिकार्डों के शिखर पर खड़े सचिन तक पहुंचना सिर्फ उभरते खिलाडियों ही नहीं बल्कि किसी भी स्थापित खिलाड़ी के लिए भी एक सपना है। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले 428 वनडे खेल चुके सचिन 17000 रन के आंकड़े को छूने से महज 105 रन दूर हैं और इस दौरान उन्होंने 32/5 की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए कुल 154 विकेट भी झटके हैं।

महेन्द्र सिंह धोनी
28 साल का यह खिलाड़ी अपने स्टाइल फिर चाहे वह बैटिंग स्टाइल हो या हेयर स्टाइल या कप्तानी के लिए मशहूर है। अपनी कप्तानी के गुर वह पहले ही टवेंटी20 वर्ल्ड कप में भारत को विश्व विजेता बनाकर दिखा चुके हैं। शुरुआत में अपनी धुआंधार बैटिंग व लंबे बालों के कारण मशहूर हुए इस खिलाड़ी ने टीम इंडिया की कमान संभालने के बाद एक परिपक्व खिलाड़ी और कप्तान के रूप में अपने को साबित किया। माइकल हसी के बाद धोनी अकेला खिलाड़ी है जिसकी बैटिंग औसत 50 रन प्रति मैच से ज्यादा है। घर और दोस्तों के बीच माही नाम से पुकारे जाने वाले धोनी विकेटकीपिंग करते हुए विकेट के पीछे से अपनी रणनीतियों से अच्छे-अच्छे क्रिकेट जानकारों को भी चित्त कर देते हैं।


दक्षिण अफ्रीकाः

गीम स्मिथ
गीम स्मिथ को कभी न हारने वाला खिलाड़ी माना जाता है। उनके खिलाफ वनडे क्रिकेट में आस्ट्रेलिया की टीम ने 400 से भी अधिक का स्कोर खड़ा किया। इस पहाड़ जैसे लक्ष्य के बाद क्रिकेट का बड़े से बड़ा जानकार भी सपने में भी यह नहीं सोच सकता था कि 434 रन का लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका पार कर सकती है, लेकिन इस कप्तान ने ओपनिंग में आकर ऐसी नींव रखी की यह मैच क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ वनडे मुकाबले में शामिल हो गया। ग्रीम स्मिथ ने जब सिर्फ 22 वनडे और 8 टेस्ट खेले थे तभी बड़े बड़े दिग्गजों से भरी हुई दक्षिण अफ्रीकी टीम की कमान इन्हें थमाई गई और इन्होंने टीम में न सिर्फ जीतने का जज्बा जगाया बल्कि आस्ट्रेलिया को पछाड़कर अपनी टीम को नंबर एक की कुर्सी पर बिठा दिया।

हर्शल गिब्स
35 साल का यह खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका को ऐसी धुआंधार शुरुआत देने में सक्षम है कि इनके आगे 434 रन का लक्ष्य भी पानी भरता है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ इस लक्ष्य को पाने में हर्शल गिब्स का बहुत बड़ा योगदान था। बल्ले से कमाल दिखाने के अलावा गिब्स मैदान पर बिजली सी फूर्ती दिखाते हैं और अपनी फील्डिंग से बल्लेबाजों के मन में रन लेने से खौफ भरते रहते हैं।

मखाया एंटनी
32 वर्षीय यह तेज गेंदबाज विपक्षी टीम की बल्लेबाजी में सेंध लगाने में माहिर है और इन्होंने कई मैच अपने दम पर दक्षिण अफ्रीका की झोली में डाले हैं। वनडे में 24.65 की इनकी रन औसत और 4.53 की इकोनॉमी बताती है कि ये कितने मित्तव्ययी और अच्छे गेंदबाज हैं। सिर्फ 173 वनडे में एंटनी ने 266 विकेट झटके हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 22 रन देकर छह विकेट है।


पाकिस्तान:

शाहिद अफ्रीदी
पाकिस्तान का यह बेहद ही स्टाइलिश खिलाड़ी अपने ऑलराउंड खेल के लिए जाना जाता है। सिर्फ 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले अफरीदी के नाम 281 वनडे में 259 विकेट के साथ ही साढ़े पांच हजार से ज्यादा रन भी हैं। उनका बैटिंग औसत भले ही बहुत अच्छा न दिखता हो लेकिन 111 का स्ट्राइक रेट गेंदबाजों को प्रति उनकी निर्ममता को दर्शाता है।
 
मोहम्मद युसुफ
इस बल्लेबाज को पाक टीम की रीढ़ भी कहा जा सकता है। 272 वनडे में करीब 43 रन का औसत और 9 हजार से ज्यादा रन पाक क्रिकेट के लिए उनके योगदान को दर्शाता है। काफी समय तक युसुफ योहाना के नाम से खेलने के बाद इस ईसाई खिलाड़ी ने धर्म बदलकर इस्लाम धर्म अपना लिया।

शोएब मलिक
पाक टीम का यह पूर्व कप्तान भले ही कप्तानी में फ्लाप हो गया हो लेकिन अपने आलराउंड खेल से इन्होंने पाक क्रिकेट को खूब शौहरत दी है। यह खिलाड़ी एक पावरपैक बल्लेबाज है जो शुरुआत में ही गेंदबाजों की हवा निकाल देता है। गेंदबाजी में अपनी स्पिन के सामने बल्लेबाजों को पांव जमाने का मौका तक नहीं देता। 181 वनडे में साढ़े चार हजार से ज्यादा रन और 128 विकेट इनको एक बेहतरीन आलराउंडर साबित करते हैं।


न्यूजीलैंड:

शेन बांड
दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार यह गेंदबाज अच्छे से अच्छे बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकता है। बागी लीग कही जाने वाली आईसीएल के लिए खेलने के कारण टीम से बाहर रहने वाले बांड ने हाल ही में दुबारा टीम में जगह पाई है। हालांकि उन्होंने अभी तक सिर्फ 69 वनडे ही खेले हैं लेकिन 19.44 की औसत से सिर्फ 4.18 की इकोनॉमी रेट के साथ 128 विकेट हासिल करके बल्लेबाजों के दिलों में खूब जगह बनाई है। चैंपियंस ट्राफी में दक्षिण अफ्रीका की उछाल भरी विकेटों पर शेन बांड बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।

ब्रेंडन मैक्कुलम
विकेट के पीछे खड़े होकर बल्लेबाजों की किसी भी गलती को अपने लिए भुनाने में माहिर यह खिलाड़ी बल्लेबाजी में भी उतना की मंझा हुआ है। अपनी टीम के लिए 155 वनडे खेल चुका यह विकेटकीपर बल्लेबाज 3000 से ज्यादा रन बनाने के साथ ही 165 कैच और 13 स्टंप भी कर चुका है। इनकी धुंआधार बल्लेबाजी का नजारा भारतीय दर्शक आईपीएल के पहले सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से उद्घाटन मैच में धुआंधार 158 रन की पारी के दौरान देख चुके हैं।


श्रीलंका:

सनथ जयसूर्या
मौजूदा दौर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे उम्रदराज यह खिलाड़ी आज भी किसी युवा खिलाड़ी की तरह मैदान पर दौड़ लगाता है। सर्वाधिक 438 वनडे खेल चुके जयसूर्या के नाम 13 हजार से ज्यादा रन और 319 विकेट हैं, जो उनके आलराउंड क्रिकेट का सही आइना है। शुरुआत में एक स्पिनर के तौर पर टीम में शामिल सनथ धीरे-धीरे श्रीलंका के सबसे महत्वपूर्ण बल्लेबाज बन गए। ओपनिंग पर आकर सनथ टीम को ऐसी शुरुआत देते हैं कि विपक्षी गेंदबाज हथियार डालकर उनके इशारों पर नाचते नजर आते हैं।

मुथैया मुरलीधरन
यह 37 वर्षीय गेंदबाज 332 वनडे में 22.77 की औसत और सिर्फ 3.90 की इकोनॉमी के साथ सर्वाधिक 511 विकेट हासिल कर चुका है। मुरली के बारे में अक्सर एक बात कही जाती है कि वे शीशे पर भी गेंद को स्पिन करा सकते हैं, जो उनके इतिहास के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक होने का प्रमाण है। मुरली मैदान में बल्लेबाजों के लिए जितने ही खतरनाक हैं मैदान के बाहर वह उतने ही अच्छे इंसान भी हैं। गेंदबाजी एक्शन के अलावा उनके साथ कोई विवाद आज तक नहीं जुड़ा है।


ऑस्ट्रेलिया:

रिकी पोंटिंग
आस्ट्रेलियाई टीम का यह कप्तान बेहद चतुर दिमाग माना जाता है और अपनी रणनीतियों से विपक्षी टीम को निरुत्तर कर देता है। चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले इंग्लैंड को वनडे मैंचों की सीरीज में बुरी तरह शिकस्त देने के बाद फिर से टॉप पर पहुंची टीम का यह कप्तान आत्मविश्वास से लबरेज है। 318 वनडे खेल चुके रिकी पोंटिंग की झोली में 42 पार की औसत से साढ़े 11 हजार से ज्यादा रन और 137 कैच हैं। इनके सिर एक कप्तान के तौर पर ऑस्ट्रेलिया को दो बार विश्व विजेता बनवाने का भी सेहरा बंधता है जबकि एक बार यह सिर्फ खिलाड़ी के तौर पर टीम में शामिल थे। रिकी पोंटिंग की तुलना अक्सर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से होती है।

ब्रेट ली
मौजूदा दौर में विश्व के सबसे तेज गेंदबाज ब्रेट ली अक्सर बल्लेबाजों को अपनी गेंदों से चिन म्यूजिक सुनाने के लिए मशहूर हैं। 179 वनडे में 316 विकेट झटक चुके ब्रेट ली हर विकेट के लिए सिर्फ 22.88 रन खर्च करते हैं जबकि उनका इकोनॉमी रेट 4.73 है। चैंपियंस ट्राफी के दौरान दक्षिण अफ्रीका की उछाल भरी विकेटों पर ब्रेट ली बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।

माइकल क्लार्क
लगातार बेहतरीन परफार्मेंस देकर इस खिलाड़ी ने अपने आप को साबित किया है। इन्हें रिकी पोंटिंग के बाद अगले कप्तान के तौर पर देखा जाता है। फिल्हाल टीम के उपप्तान और टवेंटी20 से रिकी पोंटिंग के संन्यास लेने के बाद कप्तानी की बागडोर संभाल रहे हैं। 162 वनडे खेल चुके क्लार्क करीब 5 हजार रन बनाने के साथ ही अपनी स्पिन गेंदबाजी से 52 विकेट भी झटक चुके हैं।


इंग्लैंडः

पॉल कॉलिंगवुड
हमेशा शांत दिखने वाला यह खिलाड़ी इंग्लैंड टीम के लिए सीट एंकर का काम करता है और विपक्षी टीम को पता ही नहीं चलता कि कब वे अर्द्धशतक तक पहुंच गए हैं। इंग्लैंड टीम का यह पूर्व कप्तान 165 वनडे खेल चुका है और इस दौरान इन्होंने 4 हजार से ज्यादा रन बनाने के साथ ही अपनी मीडियम तेज गेंदबाजी से 96 विकेट भी हासिल किए हैं।

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