पाकिस्तान ने फिर छेड़ा कश्मीर राग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने भारत पर द्विपक्षीय समग्र शांति वार्ता बहाल करने और कश्मीर मसले पर बातचीत शुरु करने का दबाव बढ़ाते हुए कहा है कि दक्षिण एशिया में स्थाई शांति की स्थापना...
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने भारत पर द्विपक्षीय समग्र शांति वार्ता बहाल करने और कश्मीर मसले पर बातचीत शुरु करने का दबाव बढ़ाते हुए कहा है कि दक्षिण एशिया में स्थाई शांति की स्थापना के लिए यह जरूरी है।
गिलानी ने शनिवार को कश्मीरी नेताओं द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण हल चाहते हैं और हम भारत को इस मसले पर बातचीत के लिए आमंत्रित करते हैं जिसको भारत नजरअंदाज करता रहा है। गिलानी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मिस्र के शहर शर्म-अल-शेख में हुई मुलाकात के बारे में कहा कि मनमोहन सिंह ने माना था कश्मीर मसले के हल बिना दक्षिण एशिया में शांति स्थापित नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले का हल कश्मीरी लोगों की इच्छा से होना चाहिए। गिलानी ने गिलगित- बालतिस्तान को स्वायत्तता दिए जाने की हो रही आलोचनाओं पर कहा कि यह परिवर्तन कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण में कोई परिवर्तन नहीं लाएगा। हालांकि कश्मीर मसला पाकिस्तान की विदेश नीति का एक अभिन्न हिस्सा है।
इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी कहा था कि उनका देश शांति के लिए भारत के साथ बातचीत जारी रखने का इच्छुक है लेकिन वह यह भी मानता है कि कश्मीर मसले के समाधान के बिना दक्षिण एशिया में स्थाई शांति की स्थापना संभव नहीं है। हमारी भावी पीढियां इस मसले के समाधान के बाद ही सुरक्षित महसूस करेंगी।
जरदारी ने कहा कि भारत के साथ समग्र बातचीत की फिर से बहाली बहुत आवश्यक और दोनों देशों के हित में है। पाकिस्तान यह भी विश्वास करता है कि कश्मीर मसले के हल की दिशा में प्रगति होना बहुत ही आवश्यक है। इससे दक्षिण एशिया में स्थाई शांति की स्थापना हो पाएगी।