अब मुरलीधरन टेस्ट को कहेंगे अलविदा
बल्लेबाजों के लिए अच्छी खबर। पिछले डेढ़ दशक से दुनिया भर के बल्लेबाजों को अपनी उंगलियों पर नचाने वाले श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन अगले साल नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली घरेलू...
बल्लेबाजों के लिए अच्छी खबर। पिछले डेढ़ दशक से दुनिया भर के बल्लेबाजों को अपनी उंगलियों पर नचाने वाले श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन अगले साल नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले मुरलीधरन ने दाम्बुला में पाकिस्तान के खिलाफ पहले वनडे के बाद यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह विश्व कप 2011 तक वनडे क्रिकेट पर ध्यान देंगे और इसके बाद केवल टवेंटी 20 क्रिकेट में ही खेलेंगे।
मुरलीधरन ने कहा कि मैं लंबे समय तक नहीं खेलूंगा। अगले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के दो टेस्ट मैच मेरे अंतिम मैच होंगे। अब तक 127 टेस्ट मैच में 22.18 की औसत से 770 विकेट लेने वाले मुरलीधरन ने कहा कि यह मेरे लिए सही समय होगा क्योंकि तब मैं 38 साल का हो जाऊंगा। मेरा लक्ष्य 2011 वर्ल्ड कप है लेकिन टी 20 क्रिकेट में मैं इसके बाद भी खेलता रहूंगा।
मुरलीधरन ने अपना पहला टेस्ट मैच 1992 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। वह दिसंबर 2007 में शेन वार्न के 708 विकेट का रिकार्ड तोड़कर दुनिया में सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। वह 2009 में वसीम अकरम का 502 विकेट का रिकार्ड तोड़कर वनडे क्रिकेट में भी सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने अभी तक 330 वन डे में 22.74 की औसत से 507 विकेट लिए हैं।
मुरलीधरन हालांकि टेस्ट क्रिकेट को सबसे कड़ा प्रारूप मानते हैं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में सबसे कड़ा खेल टेस्ट मैच है। उसमें भी सबसे कड़ा हिस्सा विकेट लेना और बल्लेबाज को आउट करना है क्योंकि कई बार आपको मैदान पर दो-दो दिन बिताने पड़ते हैं।
मुरलीधरन दायें घुटने की चोट के कारण पाकिस्तान के तीन मैचों की सीरीज में नहीं खेल पाए थे जिसमें श्रीलंका ने 2-0 से जीत दर्ज की। उन्होंने संन्यास लेने का फैसला भी चिकित्सकों की सलाह पर ही किया जिन्होंने उन्हें अभी आपरेशन करवाने से मना किया था क्योंकि इससे उनका कैरियर समाप्त भी हो सकता था।