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मुम्बई हमलों के गवाह को दिया जाए तीन दिन का मुआवजा:अदालत

छब्बीस नवम्बर 2008 को हुए मुम्बई हमलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने अभियोजन पक्ष से यह सुनिश्चित करने को कहा कि चश्मदीद गवाह के रूप में पेश किए गए रिक्शा चालक को उन तीन दिनों का मुआवजा दिया जाए...

मुम्बई हमलों के गवाह को दिया जाए तीन दिन का मुआवजा:अदालत
एजेंसीFri, 03 Jul 2009 02:15 PM
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छब्बीस नवम्बर 2008 को हुए मुम्बई हमलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने अभियोजन पक्ष से यह सुनिश्चित करने को कहा कि चश्मदीद गवाह के रूप में पेश किए गए रिक्शा चालक को उन तीन दिनों का मुआवजा दिया जाए जिनमें वह अदालत में पेशी की वजह से अपनी रोजी रोटी नहीं कमा पाया ।

अदालत की इस बात को सुनकर रिक्शा चालक की आंखें भर आईं जो गवाही देने के लिए महाराष्ट्र के दूरदराज के इलाके से आया था । न्यायाधीश एमएल टहलियानी और न्यायाधीश निरंजन सरदार ने अकोला के रहने वाले रिक्शा चालक से पूछा कि तुम कितना कमाते हो। रिक्शा चालक ने जवाब दिया कि मैं महीने में तीन-़चार हजार रुपये कमा लेता हूं ।

न्यायाधीश ने जांच अधिकारी रमेश माहले से तत्काल पूछा कि क्या गवाह को आने- जाने का टिकट दिया गया और क्या उस पेशी के लिए तीन दिन तक मुम्बई में रुकने के लिए मुआवजा दिया गया। इस पर महाले ने उत्तर दिया कि गवाह को अकोला से मुम्बई आने और मुम्बई से अकोला जाने का टिकट दे दिया गया है । अदालत में रिक्शा चालक की पत्नी की भी गवाही हुई ।

निरंजन और उसकी पत्नी संगीता की सोमवार को गवाही हुई थी । दोनों उस समय गोलियां लगने से घायल हो गए थे जब छत्रपति शिवाजी रेल टर्मिनस पर आतंकवादी मोहम्मद आमिर अजमल कसाब और मारे गए आतंकवादी अबू इस्माइल ने उन पर गोलीबारी की ।

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