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पूर्वाचल के जिलों के डीएम को आरटीआई का पालन कराने का निर्देश

राज्य सूचना आयुक्त बृजेश मिश्र ने पूर्वाचल के जिलों का निरीक्षण करने के बाद कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सूचना के अधिकार में की जा रही लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सूचना आयुक्त पूर्वाचल के जिलों के...

पूर्वाचल के जिलों के डीएम को आरटीआई का पालन कराने का निर्देश
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 26 Jun 2009 07:18 PM
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राज्य सूचना आयुक्त बृजेश मिश्र ने पूर्वाचल के जिलों का निरीक्षण करने के बाद कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सूचना के अधिकार में की जा रही लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सूचना आयुक्त पूर्वाचल के जिलों के विभागीय अधिकारियों को खूब लताड़ लगाई। आयुक्त ने पूर्वाचल के आजमगढ़, मऊ, बलिया, बस्ती, संतकबीर नगर, कौशाम्बी व कुशीनगर के जिलों के जिलाधिकारियों को आरटीआई का पालन कराने के निर्देश दिए हैं।

पिछले हफ्ते राज्य सूचना आयुक्त बृजेश कुमार मिश्र पूर्वाचल के जिलों आजमगढ़, बलिया व मऊ की दो-दो तहसीलों का औचक निरीक्षण करने गए थे। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने की वजह से आजमगढ़ जिले का दौरा नहीं हो पाया। मगर बलिया व मऊ जिलों की दो-दो तहसीलों के औचक निरीक्षण में आयुक्त ने आरटीआई एक्ट से संबंधित नियुक्त किए गए जन सूचनाधिकारी व अपीलीय अधिकारियों की घोर लापरवाही देख भड़क उठे।

उन्होंने तहसीलों में देखा कि न तो सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लेने के कोई काउंटर बने है और न ही तहसीलों में सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी दी गई है। आयुक्त सबसे ज्यादा इस बात से नाराज हुए कि विभागों में जन सूचनाधिकारी व अपीलीय अधिकारियों के नाम, पता, पदनाम व मोबाइल नंबर तक नहीं दर्ज किए गए हैं। जबकि सूचना आयोग व सरकार की ओर से आए दिन आरटीआई के पालन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

राज्य सूचना आयुक्त बृजेश मिश्रा ने संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जीपीआरओ, सीडीओ, तहसीलदार सहित जिम्मेदार अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने ने कहा कि आरटीआई एक्ट का ठीक से पालन होना चाहिए, नहीं तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जनसूचनाधिकारी व अपीलीय अधिकारी को शिकायतकर्ता के द्वारा दिए गए आवेदनों पर 30 दिन के अन्दर कार्रवाई हो जानी चाहिए।

सूचना आयोग की ओर से एक्ट का पालन कराने की नोटिस संबंधित जिलाधिकारियों को आयोग के सचिव ने जारी कर  दी है। सूचना आयुक्त ने बताया कि उन जिलों के अधिकारियों को संबंधित एक्ट के बारें में अधिक जानकारी नहीं है यह दुर्भाग्य की बात है। उन्हें प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। इनसे बेहतर से शिकायतकर्ता ही हैं।

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