फोटो गैलरी

Hindi Newsयमुना पर मुख्यमंत्री का बयान निराशाजनक: मल्होत्रा

यमुना पर मुख्यमंत्री का बयान निराशाजनक: मल्होत्रा

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने यमुना नदी की सफाई के संबंध में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बयान की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से इस मसले पर दखल देने...

यमुना पर मुख्यमंत्री का बयान निराशाजनक: मल्होत्रा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 24 Jun 2009 06:52 PM
ऐप पर पढ़ें

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने यमुना नदी की सफाई के संबंध में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बयान की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से इस मसले पर दखल देने का अनुरोध किया है।


 प्रो. मल्होत्रा ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से केवल दिल्लीवासी ही नहीं पूरा देश निराश हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अगले वर्ष राष्ट्रमंडल खेल होने जा रहे हैं और इनके लिए यमुना के तीरे खेल गांव बन रहा है। खेल गांव में आठ से दस हजार एथलीट ठहरेंगे और खेलों को देखने के लिए बड़ी संख्या में विदेशों से लोग भी आएंगे किंतु वह यमुना की स्थिति को देखकर देश का क्या स्वरुप लेकर जाएंगे। यह चिंता का विषय है।


मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है इसलिए प्रधानमंत्री का पहला कर्तव्य है कि वह यमुना के शुद्धिकरण के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करें। प्रधानमंत्री उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली की सरकारों तथा विशेषज्ञयों की तुरंत बैठक बुलाकर इस समस्या का हल निकालें और राष्ट्रमंडल खेलों से पहले यमुना को यथासंभव साफ करने का संकल्प ले।

बीजेपी नेता मल्होत्रा ने कहा कि वायदों के अनुरुप काम का दंभ भरने वाली श्रीमती दीक्षित ने यमुना की सफाई के संबंध में जो बयान दिया है। उससे साफ पता चलता है कि उनकी कथनी-करनी में कितना अंतर हैं। राज्य विधानसभा के तीन चुनावों के दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र में यमुना को स्वच्छ बनाने का वायदा किया गया था। इस बार के आम चुनाव में भी यही वायदा था लेकिन अब इससे पीछे हटना जनता के साथ धोखा और विश्वासघात करने जैसा है।


यमुना की सफाई के नाम पर हर साल कुछ स्वयं सेवी संगठनों को साथ लेकर कार्यक्रम करने की खिंचाई करते हुए प्रो. मल्होत्रा ने कहा कि यह केवल नाटक और फोटों खिंचवाने के लिए किया जाता है। सच्चाई यह है कि पिछले दस साल में यमुना और ज्यादा प्रदूषित हुई और केवल गंदा नाला बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई पर अब तक खर्च किए गए करोड़ों रुपए कहां बह गए यह जांच का विषय है। यमुना को देश की धार्मिक आस्था का प्रतीक बताते हुए प्रो. मल्होत्रा ने कहा कि इसमें स्नान करने का मतलब तरह-तरह के रोगों को न्योता देना है।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नन्द किशोर गर्ग ने भी एक संयुक्त वक्तव्य में मुख्यमंत्री के बयान पर खेद व्यक्त किया है। डा. गर्ग ने कहा कि खुराना के मुख्यमंत्री काल में 600 करोड़ रुपए की लागत से 16 जल शोधक संयंत्र स्थापित किए गए थे किंतु कांग्रेस की सरकार के साढे़ दस साल के दौरान केवल कागजों पर काम हो रहा है।


 उल्लेखनीय है कि श्रीमती दीक्षित ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में अपने बयान में यमुना की सफाई में सात से आठ वर्ष का समय लगने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रमंडल खेलों से पहले यमुना की सफाई संभव नहीं है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें