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जिंदगी दोजख हो गई है पेशावर के लोगों की

पाकिस्तान के उत्तरपश्चिम सीमा प्रांत की राजधानी पेशावर में लोगों में तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनो के प्रति नाराजगी उबाल ले रही है। लोग इस कदर गुस्से में है कि थोड़ी सी बातचीत में ही उनकी आखों...

जिंदगी दोजख हो गई है पेशावर के लोगों की
एजेंसीThu, 11 Jun 2009 02:08 PM
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पाकिस्तान के उत्तरपश्चिम सीमा प्रांत की राजधानी पेशावर में लोगों में तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनो के प्रति नाराजगी उबाल ले रही है। लोग इस कदर गुस्से में है कि थोड़ी सी बातचीत में ही उनकी आखों से आक्रोश का लावा फूट पडता है और वे दहशतगर्दो को नेस्तानाबूद करने की हिमायत करने लगते हैं।

पाकिस्तान के इस आबाद शहर की अपनी खास पख्तूनी रवायतें और भरा पूरा इतिहास रहा है। बाहरी मुल्कों से आने वाले हमलावरों, व्यापारी और तीर्थयात्रियों की थकान इस शहर की आबो-हवा सदियों से मिटा रहीं है। इसकी वजह यह है कि अफगानिस्तान को अन्य देशों से जोड़ने वाला खैबर दर्रा यहीं से होकर गुजरता है। लेकिन अब इस इलाके के बाशिदों की जिंदगी तालिबान और उसके जैसे संगठनों ने जहन्नुम बना दी है। शहर के पुराने इलाके में किताबों की छोटी दुकान चलाने वाले मुमताज अस्करी ने बताया कि हमारी जिंदगी महफूज नहीं है, हम सुबह जब घर से निकलते हैं तो यह मालूम नहीं होता कि हम सही सलामत घर की चौखट पर वापस पहुंच पाएंगे या नहीं। औरतें खरीदारी नहीं कर सकती और जब बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं तो हमारे हाथ यही दुआ मांगने के लिए उठे रहते हैं कि उन्हें कोई चोट न पहुंचे। हमारा धंधा पानी सब चौपट हो गया है और अगर यही हालात रहे तो मुझे यहां से जाना पड़ेगा। दहशतगर्दो को मार डालना चाहिए, वे इंसानियत के दुश्मन हैं।


पेशावर में सड़क किनारे बने एक ढ़ाबेनुमा दुकान में बैरे का काम करने वाले अफगानिस्तान से आए कलीमुल्लाह ने भरे मन से बताया कि अब उसकी दुकान पर बहुत कम लोग आते हैं। मैं यहां इस वजह से आया था कि कुछ सुकून की जिंदगी काट सकूंगा लेकिन यहां भी अफगानिस्तान जैसा ही माहौल हो गया है। ये लोग मुसलमान नहीं हो सकते क्योंकि एक मुसलमान लोगो को इस तरह मार नहीं सकता। ये लोग अफगानिस्तान के तालिबान से भी ज्यादा बुरे हैं।

पेशावर के वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल्ला जान ने बताया कि लोग बहुत उदास हैं कि उनके मन में नाराजगी और चिंता भरी हुई है। तालिबान के हमले निश्चित ही उसके हक में नहीं हैं लेकिन उससे भी चिंता की बात यह है कि जब सेना यहां से वजीरिस्तान चली जाएगी तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।

पाकिस्तान सेना पहले ही कह चुकी है कि स्वात घाटी में तालिबान के सफाए के बाद वह वजीरिस्तान में चली जाएगी। सेना ने अप्रैल महीने की शुरूआत में स्वात में अभियान शुरू किया था उसके बाद से शहरो में होने वाले हमलों की संख्या में इजाफा हो गया था और गत मंगलवार को आतंकवादियों ने पेशावर के कड़ी सुरक्षा वाले इलाके में बने एक पांच सितारा होटल में धमाको को अंजाम दिया जिसमें कुछ लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए। इस होटल के दरवाजे पर हाल ही में एक बोर्ड लगाया गया था कि इस होटल में नवीनतम सुरक्षा तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।


 

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