चीनी खतरे के चलते पूवोत्तर में सुखोई तैनात
रक्षा अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि चीन सीमा से लगे संवेदनशील इलाकों में संसाधन बढ़ाने की रणनीति के तहत अगले सप्ताह तक अग्रणी लड़ाकू विमान सुखोई30-एमकेआई के एक सड्रन की तैनाती असम के तेजपुर में...
रक्षा अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि चीन सीमा से लगे संवेदनशील इलाकों में संसाधन बढ़ाने की रणनीति के तहत अगले सप्ताह तक अग्रणी लड़ाकू विमान सुखोई30-एमकेआई के एक सड्रन की तैनाती असम के तेजपुर में संपन्न हो जाएगी। एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि चार सुखोई लड़ाकू विमान 15 जून तक तेजपुर स्थित वायुसैनिक अड्डे पर पहुंच जाएंगे।
रक्षा प्रवक्ता कर्नल आर कालिया ने बताया कि चार सुखोई 30 एमकेआई पहले आएंगे और उसके शीघ्र बाद 18 विमानों का संपूर्ण सड्रन पहुंच जाएगा। वायुसेना के एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में चार या पांच हवाई अड्डों के विकास सहित आधारभूत संरचना के सुधार की कई योजनाएं हैं।
पिछले कुछ वर्षो में अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर भारत ने सुखोई के पूरे एक स्क्वाड्रेन को तैनात करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2008 में भारत के पश्चिमी, मध्य और पूर्वी इलाके में चीन द्वारा सीमा उल्लंघन के 270 मामले हुए हैं। इस वर्ष अभी तक ऐसी 60 घटनाएं हो चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि अरुणाचल प्रदेश के साथ चीन की 1,030 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है। तेजपुर में चौथी कोर के मुख्यालय में तैनात एक सेना के एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने के आग्रह के साथ कहा कि एक अग्रिम हवाई अड्डे की स्थापना और क्षेत्र में सैनिक उपस्थिति बढ़ाने की योजना भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए बनाई गई है।