न्यायालय के आगे माया सरकार झुकी, 18 हजार से अधिकबर्खास्त पुलिस वालों को बहाल किया
लखनऊ 27 मई। उत्तर प्रदेश सरकार ने बर्खास्त किए गए 18 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर बहाल कर दिया और इसकी रिपोर्ट न्यायालय को भेज दी। राज्य के...
लखनऊ 27 मई। उत्तर प्रदेश सरकार ने बर्खास्त किए गए 18 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर बहाल कर दिया और इसकी रिपोर्ट न्यायालय को भेज दी।
राज्य के गृह सचिव जाविद अहमद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार बर्खास्त 18 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की बहाली की रिपोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय को भेज दी गई है। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में 2004-05 में 22 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई थी। जिनमें से 18 हजार से अधिक पुलिस वालों को नियुक्ति में हुई धांधली और अनियमितता के आरोप में एक जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद 2007 में मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में बर्खास्त कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार अब पात्र और अपात्र पुलिसकर्मियों के चयन के लिए नए बोर्ड का गठन करेगी और इस मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश का भी पालन करेगी। अपात्र पुलिसकर्मियों के चयन को लेकर राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है जिस पर आगामी जुलाई में सुनवाई संभव है।
सुश्री मायावती ने 2007 में सत्ता में आने के बाद पुलिसकर्मियों की बहाली में धांधली और अनियमितता का आरोप लगाते हुए अपर पुलिस महानिदेशक शैलजा कांत मिश्रा की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी ने पाया कि भर्ती के कुल 55 बोर्ड में से 42 में नियुक्ति में अनियमितता हुई और अपात्रों का चयन किया गया। कमेटी की रिपोर्ट के बाद 18 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया और नियुक्ति में संलग्न भारतीय पुलिस सेवा के 23 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। नियुक्ति प्रक्रिया में 72 पुलिस अधिकारी शामिल थे।