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आईआईटी प्रवेश परीक्षा में बोर्ड अंक सीमा घटाने की तैयारी

आईआईटी में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय कुछ और रियायत आने वाले दिनों में दे सकता है। आईआईटी में दाखिले के लिए बोर्ड परीक्षा में 75% अंकों की अनिवार्यता के प्रावधान को सरकार...

आईआईटी प्रवेश परीक्षा में बोर्ड अंक सीमा घटाने की तैयारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 07 Dec 2014 12:10 AM
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आईआईटी में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय कुछ और रियायत आने वाले दिनों में दे सकता है। आईआईटी में दाखिले के लिए बोर्ड परीक्षा में 75% अंकों की अनिवार्यता के प्रावधान को सरकार और सरल बनाने की तैयारी में है।

आईआईटी काउंसिल की आगामी बैठकों में इसके लिए प्रस्ताव आ सकता है। यदि ऐसा होता है तो उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड के छात्रों को इसका ज्यादा फायदा होगा। वैसे सभी बोर्ड के छात्रों के लिए नए नियमों से आईआईटी में जाने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शिक्षा को छात्रों के अनुकूल बनाने को कहा है। इसलिए यह दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है कि जब कोई छात्र जेईई एडवांस जैसे कठिन टेस्ट को पास कर सकता है तो फिर बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी अंक लाने या बोर्ड के टॉप 20 पर्सेन्टाइल में स्थान पाने की अनिवार्यता क्यों हो? यूपीए सरकार में आईआईटी में प्रवेश परीक्षा के लिए एडवांस टेस्ट पास करने के अलावा बोर्ड के टॉप 20 पर्सेन्टाइल में छात्र के लिए स्थान पाना जरूरी था।

पिछले तीन सालों में करीब साढ़े ढाई सौ छात्र इसलिए आईआईटी में दाखिले से वंचित रह गए। क्योंकि वे बोर्ड के टॉप 20 पर्सेन्टाइल में स्थान नहीं पा सके। जबकि आईआईटी एंट्रेस टेस्ट की मेरिट से वे आईआईटी में दाखिले के योग्य घोषित हो चुके थे।

गौरतलब है कि 22 सितंबर को स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था कि टॉप 20 पर्सेन्टाइल के अलावा छात्रों को 75% बोर्ड अंक लाने का विकल्प मिले।

आखिर क्यों पड़ रही है जरूरत?
- सीबीएसई जैसे बोर्ड में 85-90% अंक पाने वाले छात्र भी टॉप 20 पर्सेन्टाइल में जगह नहीं हासिल कर पाते हैं। इसलिए सरकार को बड़े पैमाने पर सुझाव मिले हैं कि 75% की सीमा को घटाकर 60 या इससे भी कम किया जाए
- पर्सेन्टाइल सिस्टम से पहले बोर्ड अंकों की सीमा 60% ही थी। अब फिर मंत्रालय आने वाले दिनों में इसमें कुछ और राहत देने पर विचार कर रहा है। हालांकि बोर्ड की अंक सीमा कितनी तय होगी इस पर फैसला होना बाकी है

 

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