फोटो गैलरी

Hindi Newsसरकारी बैंकों का सकल एनपीए बढ़कर 5.33 फीसदी पर

सरकारी बैंकों का सकल एनपीए बढ़कर 5.33 फीसदी पर

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सितंबर, 2014 तक कुल ऋण के 5.33 प्रतिशत पर पहुंच गयीं। अर्थव्यवस्था में सुस्ती तथा अन्य कारणों मसलन पर्यावरण मंजूरी में देरी आदि की वजह से...

सरकारी बैंकों का सकल एनपीए बढ़कर 5.33 फीसदी पर
एजेंसीFri, 28 Nov 2014 06:32 PM
ऐप पर पढ़ें

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सितंबर, 2014 तक कुल ऋण के 5.33 प्रतिशत पर पहुंच गयीं। अर्थव्यवस्था में सुस्ती तथा अन्य कारणों मसलन पर्यावरण मंजूरी में देरी आदि की वजह से बैंकों का एनपीए बढ़ा है।

वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने आज लोकसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मार्च, 2014 के अंत तक सरकारी बैंकों का सकल एनपीए कुल ऋण का 4.72 प्रतिशत था। सिन्हा ने कहा कि बैंकों का एनपीए बढ़ने की मुख्य वजह अर्थव्यवस्था में सुस्ती, वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमा सुधार, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता व पर्यावरण परमिट में देरी हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें