शिवसेना के साथ गठबंधन टूटना दुखद: आडवाणी
भाजपा के मार्गदर्शक वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने पर अफसोस जताया है। पार्टी के नीतिगत निर्णय प्रक्रिया से बाहर हो चुके आडवाणी ने कहा है कि अगर शिवसेना के...
भाजपा के मार्गदर्शक वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने पर अफसोस जताया है। पार्टी के नीतिगत निर्णय प्रक्रिया से बाहर हो चुके आडवाणी ने कहा है कि अगर शिवसेना के साथ गठबंधन रहता तो उन्हें ज्यादा खुशी होती। आडवाणी ने साफ किया कि उनके सहयोगी दलों की ताकत राज्यों में है और वे वहीं सरकार बना सकते है, जबकि केंद्र में यह जबाबदेही भाजपा के पास है। हर पार्टी को अपनी जिम्मेदारी पहचाननी चाहिए।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत अपने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए आडवाणी ने इस बारे में पूछे गए सवालों पर कहा कि वे शिवसेना के साथ सीट बंटवारे के मामले में शामिल नहीं थे। उन्हें गठबंधन टूटने की जानकारी तब मिली, जबकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनको फोन पर इस बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने नितिन गडकरी से बात की थी। गडकरी ने उन्हें बताया कि वे इस प्रक्रिया से जुड़े थे।
आडवाणी ने कहा कि उन्हें इस बारे में ज्यादा मालूम नहीं है, लेकिन हमारी पार्टी (भाजपा) के लोग कह रहे थे कि सीटों के बंटवारे का फार्मूला उचित नहीं है। भाजपा को ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर पार्टी का अपना एक निर्णय हो सकता है। उनकी भी अपनी निजी राय हो सकती है, लेकिन वे उसे सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड से बाहर होने के बाद पार्टी के किसी बड़े निर्णय पर आडवाणी की यह पहली प्रतिक्रिया है। आडवाणी इस बात से भी आहत हैं कि उनको मार्गदर्शक मंडल में रखे जाने के बाद भी इस अहम मामले पर उनसे पार्टी ने सलाह तक नहीं की।
वाजपेयी सबसे बेहतर प्रधानमंत्री
इस कार्यक्रम में आडवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि नरेंद्र भाई जिस शानदार क्षमता से काम कर रहे हैं, उस पर उन्हें गर्व होता है। वे पूरे देश की वाहवाही लूट रहे हैं और जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री करार देते हुए कहा कि वाजपेयी जैसा दूसरा कोई नहीं हो सकता है।