फोटो गैलरी

Hindi Newsबिहार के मंत्री पुत्र के साथ रैगिंग हुई : जांच रपट

बिहार के मंत्री पुत्र के साथ रैगिंग हुई : जांच रपट

मध्य प्रदेश में ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह के बेटे आदश ने रैगिंग और वरिष्ठ छात्रों की प्रताड़ना के चलते ही आत्महत्या करने की कोशिश की थी। जिलाधिकारी पी. नरहरि...

बिहार के मंत्री पुत्र के साथ रैगिंग हुई : जांच रपट
एजेंसीMon, 25 Aug 2014 01:51 PM
ऐप पर पढ़ें

मध्य प्रदेश में ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह के बेटे आदश ने रैगिंग और वरिष्ठ छात्रों की प्रताड़ना के चलते ही आत्महत्या करने की कोशिश की थी। जिलाधिकारी पी. नरहरि द्वारा गठित जांच समिति की रपट से इस बात का खुलासा हुआ है।
 
जिलाधिकारी पी. नरहरि ने शनिवार को आदर्श सिंह द्वारा आत्महत्या करने की कोशिश से जुड़े मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई थी। इस समिति ने अपनी जांच रपट सौंप दी है।

पी. नरहरि ने रपट के हवाले से बताया कि जांच दल ने पाया है कि आदर्श सिंह के साथ रैगिंग हुई है, उसे वरिष्ठ छात्रों द्वारा लगातार प्रताडिम्त किया जाता रहा है।

नरहरि ने संवाददाताओं को बताया कि आदर्श के पास मोबाइल फोन था, जिससे उसने अपनी फोटो इंटरनेट पर अपलोड कर दी, इससे भी वरिष्ठ छात्र नाराज थे। इसकी वजह यह कि सिंधिया स्कूल में मोबाइल के उपयोग पर रोक है, वरिष्ठ छात्र भी अपनी तस्वीर इंटरनेट पर अपलोड करना चाहते थे मगर स्कूल के निर्देश के चलते वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे। इस बात को लेकर भी उसे प्रताड़ित किया गया।
 
नरहरि के अनुसार स्कूल प्रबंधन का रुख भी ठीक नहीं रहा। घटना से पहले, घटना के समय और बाद में प्रबंधन को जिस तरह की भूमिका निभानी चाहिए थी, वैसा नहीं हुआ। प्रबंधन भी इस मामले में दोषी पाया गया है।
 
मालूम हो कि ग्वालियर किले पर स्थित सिंधिया स्कूल की कक्षा 9वीं के छात्र आदर्श अपने कमरे में पिछले दिनों संदिग्ध हालत में बेहोशी की स्थिति में मिला था। पहले आदर्श को ग्वालियर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बाद में हालत बिगड़ने पर दिल्ली के अपोला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

आदश द्वारा आत्महत्या की कोशिश किए जाने के मामले को स्कूल प्रबंधन ने पहले छिपाने की कोशिश की। बाद में मामला उजागर होने पर पुलिस ने जांच शुरू की। जिलाधिकारी पी. नरहरि ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई थी, जिसने अपनी रपट सौंप दी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें