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असम की हिंसा में 32 मरे, कर्फ्यू लगा

असम के बक्सा जिले के एक गांव से शनिवार सुबह नौ और लाशें बरामद की गईं जिससे असम के बोडोलैंड प्रशासनिक जिला (बीटीएडीसी) में एनडीएफबी-सोंगबजित के उग्रवादियों की हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या 32 तक...

असम की हिंसा में 32 मरे, कर्फ्यू लगा
एजेंसीSat, 03 May 2014 09:16 PM
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असम के बक्सा जिले के एक गांव से शनिवार सुबह नौ और लाशें बरामद की गईं जिससे असम के बोडोलैंड प्रशासनिक जिला (बीटीएडीसी) में एनडीएफबी-सोंगबजित के उग्रवादियों की हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या 32 तक पहुंच गई।
     
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बरामद की गई लाशें सालबाड़ी उपमंडल में मानस नेशनल पार्क के पास खगड़ाबाड़ी गांव से बरामद की गई हैं। मरने वालों में चार बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं। लाशों में से दो बच्चों की पहचान हो गई है।
   
सूत्रों ने बताया कि सात से दस साल की उम्र के तीन बच्चे बेकी नदी के किनारे जंगल में छुपे हुए थे उन्हें बचा लिया गया है।

एनडीएफबी-एस के सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा बोडोलैंड क्षेत्रीय प्रशासनिक जिले के तहत आने वाले असम के दो जिलों कोकराझार और बक्सा में गुरुवार की रात से किये गए हमलों में कई लोग मारे गए हैं जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

आईजीपी (कानून-व्यवस्था) एस एन सिंह ने बताया कि बक्सा जिले के सलबरी इलाके और मुशलपुर, तामुलपुर में आज शाम छह बजे से कल सुबह चार बजे तक कर्फ्यू रहेगा, ताकि आगे हिंसा को रोका जा सके।

उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने पुलिस से कहा कि इस मामले में शामिल उग्रवादियों को पकड़ा जाए तथा स्थिति को काबू में लाया जाए।

पुलिस ने कहा कि एके-47 राइफलों से लैस एनडीएफबी-सांगबिजित के 20 से 25 उग्रवादियों के एक समूह ने गुरुवार देर रात के बाद कोकराझार के बालापाड़ा-1 गांव में तीन घरों पर धावा बोल दिया और अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें मौके पर ही सात लोगों की मौत हो गयी।

पुलिस महानिरीक्षक एल आर बिश्नोई ने बताया कि सात मृतकों में अल्पसंख्यक समुदाय के दो बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। बिश्नोई ने बताया कि हमले में मारे गए तीन साल के एक और बच्चे का शव बाद में आज सुबह इलाके से मिला। 13 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

पीड़ितों के परिजनों के अनुसार उग्रवादियों ने एक के बाद दूसरे घर में हमला किया और अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे दहशत का माहौल बन गया। इससे पहले कल रात भी एनडीएफबी-एस के उग्रवादियों ने पड़ोसी बक्सा जिले में दो महिलाओं समेत तीन लोगों को मार दिया था। उनके हमले में एक नवजात जख्मी हो गया था।

पुलिस के अनुसार उग्रवादियों का एक समूह कल रात आनंदा बाजार इलाके के पास एक घर में घुस गया और अंधाधुंध गोलीबारी की। कल इसी जिले के निजदेफेली में दो संदिग्ध उग्रवादियों ने बिपिन बोरो नामक शख्स के घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें गंभीर हालत में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।

वार्ता-विरोधी उल्फा-इंडिपेंडेंट के सहायक प्रचार सचिव अरण उदय असम ने भेजे एक ईमेल में हिंसा की निंदा की है। इस बीच ऑल माइनोरिटी स्टूडेंटस यूनियन (आमसू), ऑल बोडो माइनोरिटी स्टूडेंटस यूनियन (एबीएमएसयू) और कई अन्य संगठनों ने इन घटनाओं की निंदा की है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

अल्पसंख्यक छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री तरण गोगोई पर बीटीएडी इलाके में कानून व्यवस्था नहीं बनाए रखने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। इस क्षेत्र में कोकराझाड़, बक्सा, उदलगुड़ी और चिरांग जिले आते हैं।

स्थानीय बोडो राजनीतिक दलों ने बीपीएफ नेता और पूर्व उग्रवादी हाग्राम मोहिलारी की अगुवाई वाले बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के प्रशासन पर राज्य में कानून व्यवस्था नहीं बना पाने का आरोप लगाया है। जुलाई, 2012 में स्थानीय बोडो समुदाय और बांग्लादेशी अल्पंसख्यक समुदाय के लोगों के बीच हिंसा में करीब 80 लोगों की मौत हो गयी थी।

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