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बोर्ड परीक्षा के बाद की परेशानी

प्रिय छात्र-छात्राओं, परीक्षा के पहले की परेशानी से आप लगभग मुक्त हो चुके हैं, लेकिन अब परिणाम की परेशानी आपका द्वार कई शंकाओं के साथ खटखटा रही है। विद्यार्थियों, आपने अपनी मानसिक और नैतिक शक्ति के...

बोर्ड परीक्षा के बाद की परेशानी
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Mar 2014 11:00 AM
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प्रिय छात्र-छात्राओं, परीक्षा के पहले की परेशानी से आप लगभग मुक्त हो चुके हैं, लेकिन अब परिणाम की परेशानी आपका द्वार कई शंकाओं के साथ खटखटा रही है। विद्यार्थियों, आपने अपनी मानसिक और नैतिक शक्ति के साथ इस परेशानी का सामना करना है, जैसे आपने हर परीक्षा के साथ किया है, जबकि परीक्षा से पहले तो आपके बहुत से लक्ष्य थे। कभी गणित का अभ्यास तो कभी रसायन शास्त्र के प्रयोग और कभी भौतिक विज्ञान के चमत्कार आदि।

कई परेशानियां दिमाग में खुजली करती रहती हैं। इन सब परेशानियों से मुक्ति के लिए कुछ सुझाव प्रस्तुत हैं। हो सकता है आपको इन बेकार की परेशानियों से कुछ राहत मिले। देखिए परीक्षाएं तो अब समाप्त हो गईं या होने वाली होंगी। अब परिणाम के लिए परेशान न हों, क्योंकि अब आपके वश में कुछ नहीं है। जो भी होगा, जैसा भी होगा, आपको स्वीकार करना ही पड़ेगा। इसलिए इस परेशानी का तो दरवाजा बंद ही रखें, अपनी मेहनत और ईश्वर पर भरोसा रखें। जो भी होगा अच्छा होगा, यह न पूछें कल क्या होगा?

एक सबसे बडी परेशानी का कारण है आगे के लिए व्यावसायिक निर्णय। दसवीं की परीक्षा के बाद क्या विषय लिए जाएं और या फिर बारहवीं की परीक्षा के बाद किस कोर्स में दाखिला लिया जाए। दसवीं कक्षा की परीक्षा के बाद आपको स्कूल में विज्ञान, कॉमर्स या फिर आर्ट्स में पढ़ाई करने के लिए निर्णय करना होता है। कुछ एक विद्यालय यह निर्णय विद्यार्थियों की मानसिक क्षमता, एप्टीटय़ूड टैस्ट, बोर्ड परीक्षा के अंक, इन सब के आधार पर करने देते हैं, लेकिन कुछ विद्यालय केवल परीक्षा के आधार पर ही निर्णय करते हैं। जैसे भी आपके स्कूल में किया जाता है उचित ढंग है, लेकिन आप अपना निर्णय सिर्फ भावनावश होकर न लें। इसके लिए आपकी मानसिक व शारीरिक क्षमता, आर्थिक क्षमता, आपकी रुचि और आपके व्यक्तित्व की विशेषताएं आपको भविष्य में पढ़ाई का चयन करने में अच्छा आधार बन सकती हैं। खाली सपनों की दुनिया का सहारा न लें। असलियत का आधार मजबूत होता है, अत: अपनी प्रतिभा, परीक्षा की योग्यता, अपने माता-पिता और अध्यापकों की सहमति पर विश्वास कर भावी विषयों का निर्णय लें। अपने मित्रों के पीछे न भागें। हो सकता है आप में क्षमता अलग दिशा में जाने की हो। ऐसी अवस्था में यदि मित्रों का साथ छोड़ना पड़े तो कक्षा का रास्ता बदल सकते हैं। हर व्यक्ति की रुचि और क्षमता अलग-अलग हो सकती है। हर क्षेत्र में सफलता की ऊंचाई सीमा समान है। मान लो आप बातचीत करने में बहुत अच्छे हैं। किसी भी व्यक्ति को अपने लॉजिक, भाषा व विचारों से प्रभावित कर सकते हैं तो वकालत का रास्ता चुनें। गणित में कुशल हैं तो बैंकिंग, रेलवे, बीमा योजना आपके लिए अच्छा क्षेत्र हो सकता है। यदि इतिहास में आपकी रुचि है तो ट्रैवल-टूरिज्म का क्षेत्र बहुत अच्छा है। राजनीति और भाषा ज्ञान में माहिर हैं तो पत्रकार बन सकते हैं। इस तरह बहुत सारे क्षेत्र आपके लिए मौजूद हैं। जरूरत सोचने की है, परेशान होने की नहीं।

खाली समय का उपयोग
अभी इन दिनों में, जब परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा हो रही है, आप अपनी प्रतिभा का विकास कर सकते हैं। अपने किसी शौक को भी व्यवसाय बनाने की सोच सकते हैं। जैसे प्रसिद्ध संगीतकार शंकर महादेवन आई.आई. टी. से इंजीनियर बनने के बाद व्यावसायिक रूप से इंजीनियर नहीं, बल्कि अपने शौक के अनुसार एक संगीतकार हैं। कोई एक कला सीख कर, खेलकूद की दुनिया में झांक कर कुछ एक नए शौक विकसित कर अपने मन की संतुष्टि और अपनी प्रतिभा का विकास कर सकते हैं। जब आप बिना किसी कार्य के खाली रहेंगे तो यह बेकार की परेशानी आपके पास आ जाएगी।

खुद निर्णय लें
बारहवीं के बाद क्या किया जाए, यह बहुत बड़ी समस्या है। यदि अपनी प्रतिभा के अनुसार आप इंजीनियरिंग या मेडिकल की ओर निकल सकते हैं तो उसके लिए अच्छे से तैयारी कर परीक्षा दें, लेकिन यदि आपको कहीं जरा सा भी अपनी योग्यता पर भरोसा नहीं दिखता तो रास्ता बदल सकते हैं।

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