सख्ती के कदम घबराहट में नहीं उठाये गये: सुब्बाराव
रुपये की गिरावट थामने के उपायों तथा नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने को जायज ठहराते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने मंगलवार को कहा कि नकदी में सख्ती के कदम घबराहट में नहीं उठाये गये और उन्होंने...
रुपये की गिरावट थामने के उपायों तथा नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने को जायज ठहराते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने मंगलवार को कहा कि नकदी में सख्ती के कदम घबराहट में नहीं उठाये गये और उन्होंने इनकी वापसी की समय सीमा तय किये जाने से इनकार किया।
मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा के बाद सुब्बाराव ने कहा कि इन उपायों को वापस लेने को लेकर हम भी उतने ही चिंतित हैं जितने कि दूसरे लोग। लेकिन इसके लिये समय सीमा तय करना न तो व्यवहारिक है और न ही सलाह देने लायक।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक नकदी को सीमित करने के उपायों से आर्थिक गतिविधियों पर पड़ने वाली अल्पकालिक लागत को लेकर संवेदनशील है। मौद्रिक नीति समीक्षा में सुब्बाराव ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया और चालू खाते के घाटे को सीमित करने के लिये सरकार से तत्काल कदम उठाये जाने का आह्वान किया है। रुपये की विनिमय दर में गिरावट का एक प्रमुख कारण चालू खाते का बड़ा घाटा है। एक अप्रैल से रुपया 12 प्रतिशत कमजोर हुआ है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि नकदी को सीमित करने के लिये हाल में कदम उठाये गये हैं और इसे विदेशी मुद्रा बाजार में स्थिरता आने के साथ सोच विचारकर वापस लिया जाएगा।