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मिड-डे-मील हादसा: मृतकों की संख्या बढ़कर 23 हुई, 25 बीमार...

बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में मध्याहन भोजन विषाक्तता के कारण मरने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या आज बढ़कर 23 हो गई। सारण के जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि एक अन्य मृत बच्चे...

मिड-डे-मील हादसा: मृतकों की संख्या बढ़कर 23 हुई, 25 बीमार...
एजेंसीThu, 18 Jul 2013 03:35 PM
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बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में मध्याहन भोजन विषाक्तता के कारण मरने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या आज बढ़कर 23 हो गई। सारण के जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि एक अन्य मृत बच्चे को जिला प्रशासन को सूचित किये बिना उसके परिजनों द्वारा दफना दिए जाने की सूचना प्राप्त हुई है।
    
इस बच्चे की मौत के साथ सारण जिला मुख्यालय छपरा सदर अस्पताल में मरने वाले ऐसे बच्चों की संख्या अब बढकर 17 हो गयी है। विषाक्त भोजन करने से गंभीर रूप से बीमार पड़े चार बच्चों की छपरा से पटना लाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई, जबकि दो अन्य बच्चों की मौत पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में इलाज के दौरान कल हो गयी थी। इस हादसे में बीमार पडी एक रसोईया और 24 अन्य बच्चों का पीएमसीएच में इलाज जारी है।
    
पीएमसीएच के अधीक्षक अमरकांत झा आजाद ने बताया कि उनके अस्पताल में भर्ती रसोईया सहित सभी बच्चों की हालत में अब सुधार आ रहा है। सारण के जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि उक्त स्कूल की आरोपी प्रभारी शिक्षका मीना देवी को निलंबित कर दिया है और वह अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ फरार है।
    
उन्होंने कहा कि इस घटना के मद्देनजर मशरख प्रखंड के धरमसाती गंडामन गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है।
    
उल्लेखनीय है कि गत 16 जुलाई को माध्याहन भोजन के तौर स्कूल में चावल, दाल और आलू एवं सोयाबीन की सब्जी खाने के बाद ये बच्चों उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत के बाद बेहोश हो गए थे।

बिहार में मध्याहन भोजन त्रासदी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने आज एक निगरानी समिति गठित करने का निर्णय किया है, जो आपूर्ति किये गए भोजन की गुणवत्ता को देखेगी। केंद्र ने हालांकि यह भी कहा है कि उसने योजना को लागू करने में खामियां पाये जाने के बाद बिहार के 12 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया था।

उम्मीद की जाती है कि समिति मौजूदा मध्याहन भोजन निगरानी समिति के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी, जो साल में दो बार बैठक करती है और राज्यों को किसी तरह की कमी के बारे में सचेत करती है।
   
यह पूछे जाने पर कि क्या इस वर्ष शुरू में कार्यक्रम को लागू करने में कमियां पाये जाने के बाद बिहार को समिति की ओर से चेतावनी दी गई थी, मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू ने इसका जवाब सकारात्मक दिया।

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