योजना के बिना विकास के कारण आई आपदा: पाटकर
उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदा को मानव-निर्मित करार देते हुए कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा है कि यह समय विकास की अवधारणा पर फिर से विचार करने का है। केदारघाटी के बाढ़ प्रभावित...
उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदा को मानव-निर्मित करार देते हुए कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा है कि यह समय विकास की अवधारणा पर फिर से विचार करने का है।
केदारघाटी के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर वापस आने के बाद पाटकर ने कल यहां पर संवाददाताओं से कहा यह आपदा बिना योजना बनाए विकास करने के कारण आई। यह राज्य के प्राकतिक संसाधनों का बिना सोचे समक्षे दुरूपयोग करने का परिणाम है। नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं के नाम पर बांध, बैराज और सुरंग बनाये जाने के कारण उनकी दिशा बदली और यह हादसा हुआ।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस भारी आपदा से सबक सीखने और पहाड़ों में विकास की उनकी अवधारणा की समीक्षा करने की जरूरत है। पाटकर ने घाटी को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किये जाने की भी मांग की। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि पर्यटन और चारधाम यात्रा के जरिए जीवन-यापन करने वाले लोगों की आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नीति बनाई जाए।