दिल्ली पुलिस प्रमुख के खिलाफ याचिका पर केंद्र को नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति जयंत सिंह...
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति जयंत सिंह की खंडपीठ ने एम.एस. देवासयम द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र सरकार से 29 मई तक जवाब मांगा है। नीरज कुमार की नियुक्ति को रद्द करने की मांग करने वाले देवासयम चेन्नई के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एसीजी) राजीव मेहरा ने बताया कि सरकार को याचिकाकर्ता का पक्ष मिल चुका है। इस पर 15 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाएगा। इसके तुरंत बाद ही अदालत का आदेश आया।
अदालत ने 27 फरवरी को देवसायम को गृह मंत्रलय के समक्ष एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा था और गृह मंत्रलय को उनके पक्ष पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा गया था।
याचिकाकर्ता ने आठ सप्ताह की सीमारेखा समाप्त होने के बाद बुधवार को अदालत का रुख किया। उसने कहा कि मंत्रलय ने उनके पक्ष पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
एएसजी ने कहा, ‘‘मैं देरी के लिए क्षमा चाहता हूं। याचिकाकर्ता का पक्ष मिल चुका है। इस पर 15 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाएगा।’’
नीरज कुमार भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1976 बैच के अधिकारी हैं। उनकी नियुक्ति पिछले साल 28 जून को दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर की गई थी। वह जुलाई के अंत में सेवानिवृत्त होंगे।
पीआईएल में कहा गया है, ‘‘पुलिस अधिकारी (नीरज कुमार) अधिकारों का दुरुपयोग, दस्तावेजों से छेड़छाड़ और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।’’
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील महमूद प्रचा ने विगत में अदालत को बताया कि इन्हीं आरोपों के कारण एक चयन समिति ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद के लिए प्रस्तावित नीरज का नाम खारिज कर दिया था।