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रेल में रिश्वत का खेल, पवन बंसल ने किया इनकार

रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ के पद पर नियुक्ति के लिए रिश्वत लिए जाने के मामले में अपनी भूमिका को नकारते हुए इस बात से आज इनकार किया कि उनके किसी रिश्तेदार का उनके निर्णय...

रेल में रिश्वत का खेल, पवन बंसल ने किया इनकार
एजेंसीSat, 04 May 2013 04:10 PM
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रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ के पद पर नियुक्ति के लिए रिश्वत लिए जाने के मामले में अपनी भूमिका को नकारते हुए इस बात से आज इनकार किया कि उनके किसी रिश्तेदार का उनके निर्णय में कोई दखल रहा है।
 
बंसल ने एक बयान जारी करके कहा कि उन्हें इस मामले की भनक तक नहीं थी। उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में शुचिता बनाए रखने की बात कहते हुए इस मामले की त्वरित जांच की अपेक्षा जताई है।
 
बंसल ने अपनी संक्षिप्त बयान में कहा कि कल केन्द्रीय जांच ब्यूरो की चंडीगढ़ में हुई कार्रवाई, जिसमें मेरी बहन का बेटा शामिल है के बारे में मुझे यह कहना है कि मुझे इस मामले के बारे में कोई जानकारी या भनक तक नहीं थी। वह अथवा मेरे किसी भी निकट संबंधी का मेरे सरकारी कामकाज में कोई दखल नहीं होता है और वे मेरे किसी निर्णय को प्रभावित करते या कर सकते हैं। मेरा उससे या उसके परिवार से कोई कामकाजी रिश्ता नहीं है। मैंने सार्वजनिक जीवन में शुचिता के उच्चतम मानदण्डों का पालन किया है और मैं इस बारे में सीबीआई की त्वरित जांच की अपेक्षा करता हूं।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कल रात एक सनसनीखेज मामले में रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ के तौर पर नियुक्ति के लिए 90 लाख रुपए की रिश्वत दिए जाने के आरोप में बंसल के भांजे विजय सिंगला, नवनियुक्त सदस्य स्टाफ महेश कुमार एवं दो अन्य को गिरफ्तार करने के साथ रिश्वत की रकम बरामद की है।
 
सीबीआई ने एक गुप्त अभियान में इस पूरे सौदे को लेकर मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग के आधार पर विजय सिंगला और महेश कुमार को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने इस संबंध में चंडीगढ़ में छापा मार कर रिश्वत की राशि बरामद कर ली है। इसके बाद मुम्बई, दिल्ली, चंडीगढ,और बंगलुरु में कई जगह छापे मारे गए हैं।
 
महेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ बनने के लिए विजय सिंगला को 90 लाख रुपये की रिश्वत दी है। इस मामले में महेश कुमार की मदद करने वाले मंजूनाथ और सौदा कराने वाले एक व्यक्ति संदीप गोयल को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
 
सूत्रों ने बताया कि विजय सिंगला ने कुमार को रेलवे बोर्ड में मलाईदार पद के लिए दस करोड रुपये की मांग की थी, लेकिन सौदा दो करोड में तय हुआ था। 90 लाख रुपये की पेशगी की रकम थी। सूत्रों के अनुसार महेश कुमार सदस्य इलैक्ट्रिकल्स बनना चाहते थे।
 
कुमार ने गुरुवार को रेलवे बोर्ड में सदस्य स्टाफ का पदभार संभाला था। वह इससे पहले मुंबई में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक थे। उन्होंने रुडकी विश्वविद्यालय से 1975 में इलैक्ट्रानिक्स एवं कम्युनिकेशन्स में बी टेक की डिग्री हासिल की थी और 1976 बैच में वह भारतीय सिगनल इंजीनियरिंग सेवा में शामिल हुए। उन्हें पुरानी दिल्ली में विश्व के सबसे विशाल रेलवे रिले रूट इंटरलॉकिंग को 36 घंटे की न्यूनतम समयसीमा में सफलता पूर्वक पूरा करने के रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है।
 
बताया जा रहा है कि उन्हें तीन महाप्रबंधकों की वरिष्ठता को नजरअंदाज करके पदोन्नत किया गया था।

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