फोटो गैलरी

Hindi Newsजदयू करेगी भाजपा के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा

जदयू करेगी भाजपा के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा

जनता दल (यू) की 13 और 14 अप्रैल को होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में भारतीय जनता पार्टी से उसके रिश्ते और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर भी बातचीत होने की संभावना है। इसमें  अधिवेशन में...

जदयू करेगी भाजपा के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा
एजेंसीThu, 11 Apr 2013 07:50 PM
ऐप पर पढ़ें

जनता दल (यू) की 13 और 14 अप्रैल को होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में भारतीय जनता पार्टी से उसके रिश्ते और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर भी बातचीत होने की संभावना है। इसमें  अधिवेशन में इसके अलावा महंगाई, भ्रष्टाचार तथा भूमि अधिग्रहण एवं खाद्य सुरक्षा विधेयक पर भी चर्चा होगी।

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि 13 तारीख को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी और 14 को राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तीन प्रस्तावों पर चर्चा होगी और उसे पारित कराया जाएगा। पहला प्रस्ताव देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर तथा दूसरा प्रस्ताव विदेश नीति पर होगा तथा तीसरा पार्टी के संगठन से जुड़ा होगा।

सूत्रों का कहना है कि पहले प्रस्ताव में ही महंगाई, भ्रष्टाचार तथा भूमि अधिग्रहण एवं खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा होगी। इसके अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में पार्टी की रणनीति तथा भाजपा और जदयू के रिश्ते की भी समीक्षा की जाएगी।

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी अगले चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार की घोषणा करे। गत दिनों पार्टी के महासचिव शिवानंद तिवारी ने भी कहा था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के लिए अभी से ही इतनी जल्दबाजी में क्यों है। भाजपा ने अभी तक किसी को अपना उम्मीदवार नहीं घोषित किया है पर नरेंद्र मोदी की बढ़ती गतिविधियों तथा बयानबाजी से लगता है कि भाजपा उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से इसी रूप में पेश कर रही है।

पार्टी के प्रवक्ता के सी त्यागी ने बताया कि 13 तारीख को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शरद यादव को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने की औपचारिक घोषणा होगी, क्योंकि यादव के खिलाफ किसी ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। इसलिए उनका निर्विरोध चुना जाना तय है।

त्यागी ने कहा कि अगले दिन राष्ट्रीय परिषद में यादव के अध्यक्ष पद के चुनाव पर अनुमोदन के साथ ही उस पर मुहर लग जाएगी। उन्होंने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नए अध्यक्ष शरद यादव राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करेंगें। राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी के महासचिव शिवानंद तिवारी, बिहार प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, हरिकिशोर सिंह, अमी अनवर, एन . के. सिंह, आर सी पी सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास, पी के साही, वृषभ पटेल समेत कई नेता भाग लेंगें। पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन करीब चार साल के बाद हो रहा है।

इस अहम सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति नापसंदगी रखने वाले जदयू द्वारा राजग गठबंधन के अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की जल्द घोषणा करने की मांग किये जाने की भी संभावना है। जदयू लोकसभा चुनाव से पहले धर्मनिरपेक्षता पर अपने जोर को फिर दोहरा सकती है।

जदयू की शनिवार से यहां शुरू होने जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में पारित किये जाने वाले राष्ट्रीय प्रस्ताव को लेकर पार्टी के नेता चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि पार्टी इस शीर्ष पद के राजग के उम्मीदवार के रूप में मोदी को पेश किये जाने का कड़ा विरोध करेगी।

सम्मेलन से पहले जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना से जुड़े सवाल का सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि हमने पहले भी कभी धर्मनिरपेक्षता पर समझौता नहीं किया था और अब भी हम नहीं कर रहे हैं।

उनसे सवाल किया गया था कि क्या जदयू की बैठक में राजग के अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की धर्मनिरपेक्षता साख पर विचार विमर्श किया जायेगा। यह पूछने पर कि भाजपा की ओर से मोदी को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने के मुद्दे पर क्या बैठक में विचार विमर्श किया जा सकता है, यादव ने कहा कि किसी मुद्दे पर रोक नहीं है। हर चीज पर विचार विमर्श हो सकता है।

जदयू अध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी लोगों को मुद्दे उठाने की छूट देती है। लेकिन हम यह नहीं बता सकते हैं कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में क्या निर्णय हो सकता है। यादव की टिप्पणी काफी महत्व रखती है, क्योंकि मोदी द्वारा हाल के दिनों में कई बैठकों को संबोधित करने के कारण जदयू में असहजता नजर आ रही है। जदयू के एक नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि मानों उन्हें भाजपा का प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है।

बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चला रहे नीतीश कुमार मोदी के खुले आलोचक हैं। जदयू में एक बड़े वर्ग का मानना है कि यदि मोदी को लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया तो भाजपा के साथ संबंध तोड़ना अपरिहार्य हो जायेगा।

जदयू के एक नेता ने अपने नाम को उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अभी तक राजग अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का नाम पेश कर चुनाव में उतरा था। वे अब ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं।

वहीं, राजग के संयोजक शरद यादव ने कहा कि भाजपा एवं जदयू का गठबंधन साझे एजेंडा पर चल रहा है, जिसमें भाजपा को राम मंदिर, अनुच्छेद 370 हटाना और समान नागरिक संहिता जैसे अपने विवादास्पद मुद्दों को छोड़ना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय एजेंडा धर्मनिरपेक्षता है। यह पिछले 17 सालों से है। हमारे और उनके मुद्दे भिन्न हैं।

भाजपा में मोदी पर जोर दिये जाने को देखते हुए जदयू के राजग में बने रहने के बारे में बढ़ रही अटकलों के बीच जदयू अध्यक्ष यादव ने कहा कि भाजपा या राजग के भीतर किसी नाम पर विचार विमर्श नहीं किया गया है। किसी का नाम बार-बार लेकर किसी को या हमें शर्मसार करने की क्या जरूरत है।

जदयू में एक वर्ग का मानना है कि मोदी भाजपा में भी सहमति वाले उम्मीदवार नहीं हैं। सहयोगियों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद को देखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री को दौड़ से बाहर रखे जाने की संभावना है।

मोदी पर हमला बोलते हुए जदूय नेता शिवानंद तिवारी कह चुके हैं कि मोदी प्रधानमंत्री बनने को बेताब हैं। उन्होंने कहा था कि पार्टी द्वारा नाम घोषित किये बिना ही गुजरात के मुख्यमंत्री ने यह मानना शुरू कर दिया है कि वह वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।

तिवारी ने मोदी को यह कहने पर भी आड़े हाथ लिया कि बिहार को विकास के गुजरात मॉडल का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बजाय मोदी को बिहार मॉडल से सीख लेनी चाहिए।

नीतीश कुमार ने जदयू के भाजपा के साथ गठबंधन के बारे में पटना में पूछे गये एक सवाल के जवाब में हाल में कहा था कि हम नयी दिल्ली में 13.14 अप्रैल को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश में मौजूदा राजनीति स्थिति और संबंधित मुद्दों की समीक्षा करेंगे।

भाजपा द्वारा अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा पहले से ही कर दिये जाने के बारे में बार बार पूछे गये सवालों पर कुमार ने कहा था कि हम विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर हमारे विचार विमर्श और राय से राजग को अवगत करा देंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें