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रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाई, CRR में बदलाव नहीं

आर्थिक वृद्धि दर को गति देने तथा निवेश को पटरी पर लाने के लिये कर्ज सस्ता किये जाने की मांग के बीच रिजर्व बैंक ने आज नीतिगत ब्याज दर 0.25 प्रतिशत कम कर दिया। हालांकि शीर्ष बैंक ने उच्च खाद्य...

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाई, CRR में बदलाव नहीं
एजेंसीTue, 19 Mar 2013 01:24 PM
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आर्थिक वृद्धि दर को गति देने तथा निवेश को पटरी पर लाने के लिये कर्ज सस्ता किये जाने की मांग के बीच रिजर्व बैंक ने आज नीतिगत ब्याज दर 0.25 प्रतिशत कम कर दिया। हालांकि शीर्ष बैंक ने उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा चालू खाते के घाटे के ऊंचा रहने से नीतिगत ब्याज दरों में कमी की संभावना को लेकर असमर्थता जताई।
  
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही की समीक्षा में कहा कि अर्थव्यवस्था को उच्च आर्थिक वृद्धि दर पर लाने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती निवेश को गति देना है। इसके लिये प्रतिस्पर्धी ब्याज दर जरूरी है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है।
  
इसी के मुताबिक रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत कम कर 7.5 प्रतिशत कर दिया। इसी के अनुसार रिवर्स रेपो दर भी 6.75 प्रतिशत से घटकर 6.5 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय बैंक नकदी समायोजना व्यवस्था के तहत वाणिज्यिक बैंकों को जिस दर पर अल्पकालिक उधार देता है, उसे रेपो दर और जिस दर पर उनसे नकदी लेता है, उसे रिवर्स रेपो करते हैं। 
  
रेपो दर में यह लगातार दूसरी कटौती है। इससे पहले, जनवरी में रेपो और सीआरआर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कमी गयी थी। 
  
वृद्धि दर में निरंतर कमी तथा विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति 35 माह के निम्न स्तर पर आने के कारण बाजार नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा था। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर एक दशक के निम्न स्तर 5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
  
रिजर्व बैंक ने यह कहा है कि हालांकि नीतिगत रूख में वृद्धि में कमी के जोखिम को दूर करने पर जोर है, लेकिन नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती सीमित है।
  
सरकार की तरफ से व्यय की संभावना को देखते हुए रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। सीआरआर के तहत बैंकों को अपनी जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना पड़ता है।

बहरहाल, रिजर्व बैंक ने यह भी जोर दिया कि केवल ब्याज दर में कटौती से निवेश को गति देने का लक्ष्य पूरा करने में मदद नहीं मिलेगी। ऐसे में केंद्रीय बैंक ने आपूर्ति बाधाओं को दूर करने तथा राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने पर जोर देने पर बल दिया है।
  
अपने दिशानिर्देश में रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कटौती को लेकर आगाह किया है और चालू खाते के बढ़ते घाटे की ओर इशारा किया है। चालू खाते का घाटा रिकार्ड 5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है।

केंद्रीय बैंक की राय में यद्यपि विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति कम हुई हैं पर ईंधन कीमत की कीमतों में वृद्धि, कुछ क्षेत्रों में मांग और पूर्ति में असंतुलन तथा कृषि उत्पादों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि महंगाई के चलते मुद्रास्फीति 2013-14 में सीमित उतार चढाव के साथ मौजूदा स्तर पर ही बनी रहेगी।
 
बजट में राजकोषीय मजबूती को लेकर जतायी गयी प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, सरकार को राजकोषीय मजबूती के प्रति प्रतिबद्ध बने रहते हुए आपूर्ति की बाधाओं को दूर करने तथा परियोजना क्रियान्वयन में सरकारी कामकाज में सुधार की महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
  
केंद्रीय बैंक के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य में वद्धि से उत्पन्न दबाव के बीच खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमत तथा थोक मूल्य सूचकांक तथा खुदरा मुद्रास्फीति के बीच होड़ का मुद्रास्फीति की प्रत्याशा पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
  
रिजर्व बैंक की मध्य तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा पर प्रतिक्रिया जताते हुए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा, नीति सही दिशा में संकेत है।
  
चालू खाते के घाटे के बारे में रिजर्व बैंक ने कहा कि चौथी तिमाही में सुधार की संभावना के बावजूद चालू खाते का घाटा उंचा रहने का जोखिम बना हुआ है। नकदी प्रबंधन पर रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों में नकदी बढ़ाने के लिये सरकारी बांड की पुनर्खरीद समेत सभी प्रकार के कदम उठाना जारी रखेगा।
  
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वद्धि तथा मुद्रास्फीति के अनुमान को क्रमश: 5.5 प्रतिशत 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

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