अफजल गुरु का सामान परिजनों को लौटा दिया जाएगा
तिहाड़ जेल के अधिकारी अफजल गुरु का सामान जैसे किताबें, कपड़े, चश्मा और रेडियो उसके परिवार को लौटा देंगे। संसद पर हमले के आरोपी अफजल को कल बेहद गोपनीय तरीके से तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। तिहाड़...
तिहाड़ जेल के अधिकारी अफजल गुरु का सामान जैसे किताबें, कपड़े, चश्मा और रेडियो उसके परिवार को लौटा देंगे। संसद पर हमले के आरोपी अफजल को कल बेहद गोपनीय तरीके से तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इस संबंध में जेल के नियमों का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि जेल के नियमों के अनुसार मौत की सजा तामील होने के बाद मरने वाले का सामान उसके परिवार के हवाले कर दिया जाता है।
43 वर्षीय अफजल के पास किताबों का अच्छा संग्रह था और वह अपना ज्यादातर समय या तो अकेले या फिर अपनी किताबों के साथ गुजारता था। जेल नंबर तीन की 16 फुट लंबी और 12 फुट चौड़ी कोठरी में अफजल के पास एक रेडियो भी था और उस पर वह नियमित रूप से एफएम के चैनल सुनता था। उत्तरी कश्मीर में सोपोर के रहने वाले अफजल ने मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उसे कल तिहाड़ जेल में फांसी देने के बाद जेल परिसर में ही दफना दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम को एकदम गुप्त रखा गया।
अफजल को 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पनाह देने और हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया। हमले में नौ लोगों की मौत हुई थी। एक विशेष अदालत ने अफजल को दिसंबर 2002 में उसके इस अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई, जिस पर चार अगस्त 2005 को उच्चतम न्यायालय ने भी मुहर लगा दी। अफजल की दया याचिका को तीन फरवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था।