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अंधेरे से उजाले की ओर रॉक बैंड 'प्रगाश'

कश्मीर में लड़कियों के पहले और एकमात्र रॉक बैंड प्रगाश (अंधेरे से उजाले की ओर) के सदस्यों को लाइव परफॉर्मेंस जारी रखने पर दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के जैसी हालत करने की धमकियां मिल रही हैं। कल तक घाटी...

अंधेरे से उजाले की ओर रॉक बैंड 'प्रगाश'
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 04 Feb 2013 03:39 PM
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कश्मीर में लड़कियों के पहले और एकमात्र रॉक बैंड प्रगाश (अंधेरे से उजाले की ओर) के सदस्यों को लाइव परफॉर्मेंस जारी रखने पर दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के जैसी हालत करने की धमकियां मिल रही हैं।

कल तक घाटी में उम्मीद की नई किरण फैला रहीं ये लड़कियां अब इतनी सहमी हुई हैं कि उन्होंने लाइव प्रोग्राम करना बंद कर दिया है। उधर, पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है।

'प्रगाश' यानि 'अंधेरे से उजाले की ओर'
जम्मू-कश्मीर की तीन लड़कियों नोमा भट्ट, फराह डीबा और अनीका खालिद ने पिछले साल जनवरी में 'प्रगाश' नाम से यह रॉक बैंड बनाया था। प्रगाश का मतलब होता है 'अंधेरे से उजाले की ओर'। कश्मीर में लड़कियों का यह पहला और अकेला रॉकबैंड है। पिछले साल दिसंबर में बैंड ने श्रीनगर में हुए म्यूजिक फेस्टिवल में लाइव परफॉर्मेंस दी थी। इसके बाद से यह बैंड सुर्खियों में आ गया था। बैंड की लड़कियों की मुसीबत यहीं से शुरू हो गई। कुछ कट्टपंथी लोगों को यह बात पसंद नहीं आई।

रॉक बैंड के खिलाफ फतवा जारी
श्रीनगर के मुख्‍य मुफ्ती बशीरूद्दीन ने रॉक बैंड में शामिल लड़कियों के खिलाप फतवा जारी किया है। मालूम हो कि कश्‍मीरी लड़कियों के इस रॉक बैंड ग्रुप को काफी दिनों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थी, लेकिन अब खुद मुख्‍य मुफ्ती बशीरूद्दीन ने सामने आकर फतवा जारी करते हुए कहा है कि इस्‍लाम में संगीत पर पाबंदी है।

बशीरूद्दीन ने कहा है कि इन लड़कियों को अच्‍छी-अच्‍छी बातें सिखनी चाहिए। मुफ्ती बशीरूद्दीन की मानें तो संगीत हमारे समाज के लिये सही नही है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय समाज में सारी बुरी चीजों की जड़ संगीत ही है। इतना ही नहीं मुफ्ती बशीरूद्दीन ने रॉक बैंड में शामिल लड़कियों के मां-बाप को भी नसीहत दे डाली और कहा कि उन्‍हें अपने बच्‍चों को अच्‍छी बातें सिखानी चाहिए और उन्‍हें हजारों लोगों के सामने मनोरंजन का जरिया बनने से रोकना चाहिए।

इस बीच, एक मौलवी अख्तर नामक उलेमा ने कहा, बेशक ये लड़कियां गैर-इस्लामिक काम कर रही हैं। मैं भी रॉक बैंड के खिलाफ हूं, लेकिन मैं मुफ्ती बशीरुद्दीन साहब के भी खिलाफ हूं।

रॉक बैंड की लड़कियों को रेप की धमकी
फराह, अनीका और नोमा को सोशल साइट्स पर लगातार धमकियां मिलने लगी हैं। शुरुआत में उन्होंने इसे नजरंदाज किया, लेकिन जब उन्हें रेप तक की धमकियां मिलने लगीं तो वे सहम गईं। उन्हें धमकी दी गई कि उन्होंने लाइव परफॉर्मेंस जारी रखी, तो दिल्ली की गैंगरेप पीड़िता जैसी हालत कर दी जाएगी। लड़कियों ने इसके बाद से लाइव परफॉर्म करना बंद कर दिया है। इन धमकियों से लड़कियों के परिवार वाले भी काफी परेशान हैं। बैंड मैनेजर अदनान मट्टू ने बताया कि फेसबुक पर इतने भद्दे-भद्दे कॉमेंट किए गए थे कि वह बता नहीं सकते।

'प्रगाश' के साथ सोशल मीडिया
कश्मीर के पहले ऑल गर्ल्स रॉकबैंड 'प्रगाश' (रोशनी) के लिए सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर समर्थन उमड़ पड़ा है। 'प्रगाश' को कुछ दिनों पहले परंपरा के खिलाफ जाकर म्यूजिक फील्ड चुनने के लिए उसके फेसबुक पेज पर अपमानजनक और नफरत भरे संदेश मिले थे। बीते तीन दिनों में इस बैंड के समर्थन में फेसबुक पर कम से कम तीन पेज बनाए गए हैं। लोग तीन कश्मीरी लड़कियों के (क्लास 10 की स्टूडेंट) इस म्यूजिक बैंड को नफरत फैलाने वालों से नहीं डरने और 'प्रगाश' को जारी रखने को कह रहे हैं। बैंड ने अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में बेस्ट परफॉर्मेंस अवॉर्ड जीता था।

उमर अब्दुल्ला का रॉक बैंड को समर्थन
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में लड़कियों के उस पहले रॉक बैंड का समर्थन किया है, जिसे समाज के कुछ रुढ़िवादियों की ऑनलाइन धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंड में शामिल किशोरियां गत वर्ष दिसंबर में प्रकाश में आईं थीं, जब उन्होंने वार्षिक बैटल ऑफ द बैंड्स मुकाबले में अपनी पहली प्रस्तुति दी। उसके बाद से ही उन्हें धमकियां और ऊटपटांग टिप्पणियां सुनने को मिल रही हैं। इससे किशोरियों के अभिभावक इतने चिंतित हुए कि उन्होंने लड़कियों को अपनी सांस्कृतिक गतिविधियां सीमित करने की सलाह दी।

'मुट्ठीभर मूर्खों' के चलते बंद नहीं होगा रॉक बैंड
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुलिस जांच का वादा किया और आशा जताई कि प्रतिभाशाली किशोरियां ‘कुछ मुट्ठीभर मूर्खों’ के चलते चुप नहीं बैठेंगी।’ मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि यह बहुत ही शर्म की बात है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग करने वाले लोग इस मंच का इस्तेमाल उन लड़कियों को धमकी देने के लिए कर रहे हैं जो कक्षा दस की छात्राएं हैं।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि उन लोगों को शर्म आनी चाहिए, जो सोशल मीडिया के माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग करते हैं और उसके बाद उसी स्वतंत्रता का इस्तेमाल लड़कियों को धमकी देने के लिए करते हैं, जिन्हें गाने का अधिकार है।

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