मालदीव का जीएमआर को ठेका रद्द करने का फैसला
मालदीव ने माले हवाई अड्डे के विकास के लिए जीएमआर समूह को दिया गया 50 करोड़ डालर का ठेका मंगलवार को अचानक और एकतरफा कदम उठाते हुए रद्द करने का फैसला किया। भारत ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते...
मालदीव ने माले हवाई अड्डे के विकास के लिए जीएमआर समूह को दिया गया 50 करोड़ डालर का ठेका मंगलवार को अचानक और एकतरफा कदम उठाते हुए रद्द करने का फैसला किया। भारत ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि इससे विदेशी निवेशकों में बहुत नकारात्मक संदेश जाएगा।
मालदीव के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव मसूद इमाद ने माले से कहा कि मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में जीएमआर समूह को दिए गए अनुबंध को रद्द करने का फैसला किया गया। मालदीव सरकार ने एक बयान में कहा है कि जीएमआर-एमएएचबी समूह, मालदीव एयरपोर्ट कंपनी लि़ तथा सरकार के बीच 28 जून 2010 को हुए समझौते को रद्द करने का फैसला मंत्रिमंडल समिति द्वारा पिछले नौ महीने के दौरान विस्तत अध्ययन के बाद किया गया है। देश के एटर्नी जनरल के कार्यालय ने इस बारे में एक पेपर मंत्रिमंडल में पेश किया था। यह पेपर तकनीकी, वित्तीय तथा आर्थिक मामलों पर आधारित था तथा इसमें ब्रिटेन और सिंगापुर के वकीलों की राय भी ली गई थी।
बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि एटार्नी जनरल कार्यालय जीएमआर माले इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि़ (जीएमआईएएल) के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा। मोहम्मद वाहीद की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार के कई गठबंधन सहयोगियों ने 3 नवंबर को जीएमआर के खिलाफ रैली भी निकाली थी। जीएमआर को हवाई अडडे का यह अनुबंध नाशीद की अगुवाई वाली तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में 10 माह तक चली वैश्विक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये हासिल हुआ था।
मालदीव में सत्ता परिवर्तन के बाद करीब आठ माह के दौरान जीएमआर सहित कई भारतीय कंपनियों ने कहा था कि वहां राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने मालदीव सरकार के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि यह निर्णय जरूरी सलाह के बिना किया गया। भारत ने मालदीव से कहा है कि वह भारतीय हितों तथा भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जीएमआर को दिया गया ठेका बिना उपयुक्त सलाह के रद्द किया गया और इसके लिये मध्यस्थता का प्रयास भी नहीं किया गया। इससे विदेशी निवेशकों तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बहुत नकारात्मक संदेश जाएगा। भारत को अपेक्षा है कि मालदीव कानूनी प्रक्रियाओं का अनुपाल करेगा।
वहीं, जीएमआर समूह ने आज कहा कि हवाई अड्डा विकास अनुबंध समाप्त करने का मालदीव सरकार का निर्णय अतार्किक और अवैध है।