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हंगामों से गर्म रहेगा संसद का शीतकालीन सत्र

संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है और इस सत्र में खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक होने की संभावना...

हंगामों से गर्म रहेगा संसद का शीतकालीन सत्र
एजेंसीWed, 21 Nov 2012 01:40 PM
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संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है और इस सत्र में खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक होने की संभावना है।
    
एक समय सरकार में शामिल रही तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी है। हालांकि संकेत मिल रहे हैं कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के कदम को बहुत ज्यादा समर्थन मिलने की संभावनाएं नहीं हैं, क्योंकि वामदल और भाजपा एफडीआई के मुद्दे पर उस नियम के तहत प्रस्ताव लाने की बात कर रहे हैं जिसके तहत मतदान का प्रावधान है।
    
राजग ने ऐसा प्रस्ताव लाने का फैसला किया है जिसमें खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले के खिलाफ मतदान का प्रावधान हो लेकिन उसने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने विकल्प खुले रखे हैं।
    
दो महीने पहले तक कांग्रेस नीत संप्रग में शामिल तृणमूल कांग्रेस के पास 19 सांसद हैं, जबकि अविश्वास प्रस्ताव के लिए निचले सदन की कुल संख्या का 10 प्रतिशत यानि कम से कम 54 सदस्यों की आवश्यकता होती है।
    
सरकार को इस मुददे पर संख्या जुटाने का विश्वास है और उसका मानना है कि गठबंधन की स्थिरता पर कोई खतरा नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने तृणमूल कांग्रेस की अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना पर ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि वह अपने 32 साल के संसदीय करियर में पहली बार ऐसा देख रहे हैं कि 19 सदस्यों वाला दल सरकार को यह प्रस्ताव लाने की धमकी दे रहा है।
     
संसदीय कार्य मंत्री के तौर पर पहले सत्र में जा रहे कमलनाथ ने कहा कि 19 सदस्यीय दल का हमें धमकी देने का मतलब यह नहीं है कि यह धमकी है। इसका मतलब यह नहीं कि हम अपने सदस्यों की संख्या गिन रहे हैं।
    
शीतकालीन सत्र कल से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में 20 कार्यदिवस होंगे और सरकार के पास विचार करने और पारित करने के लिए 25 विधेयकों सहित काफी विधायी कार्य हैं।
    
लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक के अलावा सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण संबंधी संविधान (117वां संशोधन) विधेयक और विसलब्लोअर्स संरक्षण विधेयक सहित कई अन्य विधेयकों को इस सत्र में रखा जाना है।
    
संसद का मानसून सत्र विवादित कोयला आवंटन मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया था। भाजपा ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी।
    
आगामी सत्र में सरकार बीमा, पेंशन और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सुधार संबंधी विधेयकों को आगे बढाने का भी प्रयास करेगी। वित्त मंत्री पी चिदंबरम आशा जता चुके हैं कि संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलेगी।

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