फोटो गैलरी

Hindi Newsसुशील स्वर्ण से चूके, लेकिन रचा इतिहास

सुशील स्वर्ण से चूके, लेकिन रचा इतिहास

लंदन ओलम्पिक से भारत को स्वर्ण पदक के बिना ही लौटना पड़ेगा। इस पदक की अंतिम उम्मीद रविवार को उस समय समाप्त हो गई जब पहलवान सुशील कुमार कुश्ती प्रतियोगिता के 66 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक...

सुशील स्वर्ण से चूके, लेकिन रचा इतिहास
एजेंसीMon, 13 Aug 2012 03:04 PM
ऐप पर पढ़ें

लंदन ओलम्पिक से भारत को स्वर्ण पदक के बिना ही लौटना पड़ेगा। इस पदक की अंतिम उम्मीद रविवार को उस समय समाप्त हो गई जब पहलवान सुशील कुमार कुश्ती प्रतियोगिता के 66 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।

सुशील को स्वर्ण पदक के लिए हुए फाइनल मुकाबले में जापान के तासुहीरो योनेमित्सु ने 1-3 अंक से हराकर भारतीय पहलवान का सपना चकनाचूर कर दिया। स्वर्ण से चूकने के बावजूद सुशील ने भारतीय खेलों के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवा लिया। सुशील देश का एकमात्र ऐसा खिलाड़ी बन गया जिसने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में लगातार दो ओलम्पिक खेलों में पदक जीते हैं। सुशील ने इससे पूर्व बीजिंग ओलम्पिक (2008) में कांस्य पदक जीता था।

ओलम्पिक कुश्ती के इतिहास में यह भारत का चौथा पदक है। सबसे पहले केडी जाधव (1952) ने और उसके बाद सुशील कुमार (2008) ने कांस्य पदक जीते थे। इस बार लंदन ओलम्पिक में योगेश्वर ने कांस्य और फिर आज सुशील ने रजत पदक जीता। सुशील के रजत के साथ भारत ने कुश्ती में दो पदक सहित इन खेलों कुल छह पदक जीते जिसमें दो रजत और चार कांस्य शामिल हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें