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आखिर मिल ही गई मोटापे और मधुमेह की वजह

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में हुए एक शोध में मानव शरीर में मौजूद उन कारणों को ढूंढ निकाला गया है जिनसे मोटापे और मधुमेह जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ये कारण हमारे शरीर में मौजूद जैव घड़ी के कुछ हिस्से हैं,...

आखिर मिल ही गई मोटापे और मधुमेह की वजह
एजेंसीFri, 04 May 2012 02:44 PM
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अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में हुए एक शोध में मानव शरीर में मौजूद उन कारणों को ढूंढ निकाला गया है जिनसे मोटापे और मधुमेह जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ये कारण हमारे शरीर में मौजूद जैव घड़ी के कुछ हिस्से हैं, जो कि हमारे यकृत और मस्तिष्क में मौजूद होते हैं। इस शोध से आने वाले समय में इन कारणों के निवारण की खोज की जा सकेगी।
   
जैव घड़ी दरअसल हमारे शरीर में चलने वाली एक जैव प्रक्रिया है जो कि हमारे शरीर की सचेतता, भूख, सोने के समय और हारमोन का स्त्राव नियंत्रित करती है। जिन लोगों की इस जैव घड़ी में कुछ गड़बड़ होती है, उनमें मोटापा और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याएं देखी जाती हैं।
   
दरअसल पहले ऐसा माना जाता था कि इस जैव घड़ी से जुड़े कुछ ग्राही, सिर्फ मस्तिष्क में ही मौजूद होते हैं, लेकिन इस शोध में यह सामने आया है कि ये ग्राही मस्तिष्क के साथ-साथ यकत में भी पाए जाते हैं।
   
एक अंतर्राष्ट्रीय समूह का कहना है कि हमारे शरीर में मौजूद जैव घड़ी के गड़बड़ा जाने से मोटापे और मधुमेह का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इस नए शोध के परिणामों से इस जैव घड़ी को दोबारा से सही करने के तरीके ढूंढने में मदद मिलेगी खासकर अंतराष्ट्रीय यात्रियों, शिफ्टों में काम करने वालों और मोटापा ग्रसित अन्य लोगों को भी।
   
इस शोध में सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्रिस लिडल और अमेरिका के साल्क संस्थान के उनके कुछ साथी शामिल थे। नेचर पत्रिका में छपे इस शोध के अनुसार इन शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क और यकृत दोनों में पाए जाने वाले जैव घड़ी से जुड़े ग्राहियों की महत्ता दर्शाई है। शोधकर्ताओं ने दर्शाया है कि यकृत में मौजूद ये ग्राही वसा की रस प्रक्रिया (चयपचय) के साथ-साथ आहार, पोषण, पाचन और उर्जा खर्च से जुड़े जीन्स को नियंत्रित करते हैं।
   
इस शोध से जुड़े प्रोफेसर लिडल कहते हैं, यह शोध महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिए पहचाने गए जैव घड़ी के उन मूल भागों को पहचाना जा सका है। इन भागों को दवाइयों की मदद से लक्षित करने पर इस जैव प्रक्रिया के गड़बड़ाने से प्रभावित हुए लोगों को आराम मिल सकेगा।
   
वे इसे एक उदाहरण के जरिए समझाते हुए कहते हैं,जब आप विदेश के लिए उड़ान भरते हैं तो आप न सिर्फ देर रात तक जागते ही हैं, बल्कि आपने नोट किया होगा कि देर रात आपकी खाने की इच्छा भी होती है और दिन के दौरान आपकी उर्जा कम हो जाती है। उर्जा के नियंत्रण के लिए यकृत एक मुख्य कारक है और अब हम यह भी जान गए है कि किस तरह से यकत की जीन्स हमारी जैव प्रक्रियाओं पर भी असर डालती हैं।
   
वे कहते हैं कि उन्होंने इस शोध में दर्शाया है कि ये मूल भाग हमारे शरीर में मौजूद जैव घड़ी को संचालित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं और इनपर हम दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं।

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