फोटो गैलरी

Hindi Newsकांग्रेस के घोषणापत्र पर भड़के गडकरी

कांग्रेस के घोषणापत्र पर भड़के गडकरी

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद को लेकर कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में कही गयी बातें...

कांग्रेस के घोषणापत्र पर भड़के गडकरी
एजेंसीWed, 01 Feb 2012 02:41 PM
ऐप पर पढ़ें

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद को लेकर कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में कही गयी बातें अदालत की अवमानना हैं और भाजपा इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेकर कार्यवाही करेगी।
 
गडकरी ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ के आदेश से स्पष्ट है कि जिस जगह रामलला विराजमान हैं वह राम जन्मभूमि ही है। इसके बावजूद कांग्रेस उसे बाबरी मस्जिद बता रही है जो अदालत की अवमानना है। उन्होंने कहा कि अदालत ने राम जन्मभूमि के बारे में स्पष्ट मत रखा है और अब यह मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित है।
 
गडकरी ने कहा राम जन्मभूमि परिसर को विवादित स्थल का नाम देकर और उसकी सुरक्षा की बात करके कांग्रेस ने न्यायालय का अपमान किया है और यह अदालत की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कांग्रेस की यह बात अदालत की अवमानना है और हम इस सिलसिले में कानूनी राय लेकर कार्रवाई करेंगे।
 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा भगवान राम पूरे देश की अखंडता का प्रतीक हैं, यह किसी हिन्दू या मुस्लिम से जुड़ा मामला नहीं है। भाजपा की दृष्टि में अयोध्या में सभी वर्गों के सहयोग से भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिये। यह पूरे देश के लोगों की इच्छा है।
 
गौरतलब है कि कांग्रेस ने मंगलवार को जारी अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा बाबरी मस्जिद विवाद के न्यायसंगत समाधान की पैरवी की जाएगी। सभी दलों को अदालत के फैसले का पालन करना होगा। यदि बातचीत के जरिये समाधान किया जाता है, तो वह विवाद से संबंधित पक्षों के बीच होगा और इसकी कानूनी मंजूरी आवश्यक होगी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में उच्च न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस को उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिये था। उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसला देने के बाद कांग्रेस को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने के लिये अगुवा की भूमिका निभाते हुए राह सुझानी चाहिये थी।
  
गडकरी ने दावा किया कि इस्लामी कानून के मुताबिक किसी विवादित स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कांग्रेस नेता दिल्ली के बॉटला हाउस मुठभेड़ कांड में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के घर एक बार भी नहीं गये लेकिन वे उस वारदात में मारे गये आतंकवादियों के घर आजमगढ़ जाना नहीं भूले। साथ ही अदालत के आदेश के बावजूद अफजल गुरु को फांसी पर नहीं चढ़ाया गया।
  
गडकरी ने अल्पसंख्यक आरक्षण के मुद्दे पर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा क्या कांग्रेस की नजर में पंडित नेहरू की कोई इज्जत नहीं रह गयी है। संविधान सभा में नेहरू, सरदार पटेल, डाक्टर भीमराव अम्बेडकर और मौलाना आजाद समेत सभी प्रमुख सदस्यों ने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था।
  
भाजपा नेता ने आरोप लगाया धर्म आधारित आरक्षण लाने की इसी वक्त जरूरत क्यों पड़ी। कांग्रेस ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति स्वार्थ के लिये कांग्रेस मुसलमानों को नौ प्रतिशत तो समाजवादी पार्टी 18 फीसदी आरक्षण देने की बात कर रही है।
  
देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की सम्भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि उनकी पार्टी समेकित नेतृत्व के सिद्धांत पर काम करती है और इन चुनावों में सभी की प्रतिष्ठा दांव पर है। उन्होंने कहा भाजपा किसी मां-बेटे या पिता-पुत्र की पार्टी नहीं है। यही कारण है कि मुझ जैसा साधारण कार्यकर्ता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सका।
  
गडकरी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरेगी क्योंकि जनमत उसके पक्ष में है। दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी द्वारा मुसलमानों तथा धर्मनिरपेक्ष सोच रखने वाले लोगों से सपा के पक्ष में वोट देने की अपील किये जाने के बारे में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं और कुछ यही ख्वाब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी के लिये भी देख रही हैं।
  
उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव पार्टी नेताओं राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती तथा सूर्य प्रतापशाही के संयुक्त नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री का चयन निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें