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कहीं जान न ले ले स्मोकिंग

अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो इसे तुरंत छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि इसकी लत कैंसर को ही जन्म देती है। हर साल लाखों मौतें इसकी वजह से ही होती हैं। आइये जानें इसके बारे में डॉ. अमित अग्रवाल,...

कहीं जान न ले ले स्मोकिंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 27 Jul 2011 11:48 AM
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अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो इसे तुरंत छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि इसकी लत कैंसर को ही जन्म देती है। हर साल लाखों मौतें इसकी वजह से ही होती हैं। आइये जानें इसके बारे में

डॉ. अमित अग्रवाल, सीनियर अनकोलॉजिस्ट,
फोर्टिस होस्पिटल, नोएडा

‘दम मारो दम, मिट जाए गम’। कई लोग गम मिटाने के लिए ही नशा यानी स्मोकिंग करते हैं। लेकिन हद तक जाने के बाद जब धुएं में सेहत भी उड़ने लग जाती है तो इसे छोड़ने के कई प्रयास करते हैं और हर बार घुटने टेक देते हैं। दिन, महीने और साल गुजर जाते हैं इस कोशिश को कामयाब करने में, लेकिन सब कुछ नाकाम हो जाता है और नतीजा कैंसर के रूप में आता है।

अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो आपको विभिन्न प्रकार के कैंसर के बारे जरूर जानना चाहिए, क्योंकि धूम्रपान की लत की मंजिल कैंसर ही है। हर साल धूम्रपान की वजह से होने वाली लाखों मौतें इस बात की गवाह हैं। तंबाकू का सेवन कई बीमारियों को जन्म देता है। आइए जानें, इन बीमारियों के बारे में-

ओरल कैंसर (मुंह और गर्दन के कैंसर)
ओरल कैंसर धूम्रपान करने और तंबाकू खाने वाले अधिकांश लोगों में देखने को मिलता है। ज्यादातर मुंह के कैंसर जीभ और मुंह के नीचे के हिस्से से शुरू होते हैं। अगर ओरल कैंसर के सेल फेंफड़ों तक पहुंच जाएं तो इसे मेटास्टेटिक ओरल कैंसर कहा जाता है। बीमारी की शुरुआत के दौरान मरीज को लगता है कि उसके मुंह में छाले हो गए हैं या अल्सर की वजह से ऐसा हो रहा है, क्योंकि ज्यादातर लोगों को ओरल कैंसर के लक्षणों का पता नहीं होता है। मुंह में दांत से कट जाने पर जल्दी ठीक न होना, मुंह से खून निकलना, दांतों का ढीला हो जाना, सूजन आ जाना, गले में गांठ, डेन्चर पहनने में कठिनाई होना और कान में दर्द होना, कुछ ऐसे लक्षण हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे किसी भी व्यक्ति को ये परेशानियां हैं तो उसे तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आए तो किसी अच्छे डॉक्टर से जांच जरूर करा लें। ऐसी स्थिति में रोगी को ग्रीन टी (हरी चाय) सहायता कर सकती है। इससे आपका मुंह और गला दोनों ही ठीक रहेंगे।

स्मोकिंग ले जाती है लंग कैंसर की ओर
धूम्रपान अब सिर्फ एडिक्शन यानी लत नहीं रह गया है। अब ये स्टेटस सिंबल बन गया है। लेकिन ये बात भी उतनी ही सच है कि यदि कोई व्यक्ति तंबाकू लेता है तो इसका सीधा असर श्वसन अंगों यानी रेस्पिरेटरी ऑर्गन पर होता है। लंग कैंसर हाल ही में धूम्रपान शुरू करने वालों को होगा या सालों से करते आ रहे को, इस बात के लिए कोई मानदंड नहीं है। महिलाओं पर इसका हमला जल्दी होता है।

तंबाकू से पैरालाइज, हार्ट बीट का बढ़ जाना, पैर में खून का संचार कम हो जाना और दिल से संबंधित बीमारियां होना आम है। गर्भवती महिलाओं के लिए तो ये अभिशाप है, क्योंकि इससे जच्चा और बच्चा दोनों की जान को खतरा रहता है। हालांकि लंग कैंसर किन्हीं दूसरे कारणों से भी हो सकता है, जैसे दूषित वातावरण, पानी में आर्सेनिक का उच्च स्तर, राडोण गैस, अभ्रक या परिवार के किसी सदस्य को पहले भी रही हो ये बीमारी। लेकिन आंकड़ों की मानें तो महिलाओं में लंग कैंसर 80 प्रतिशत सिर्फ स्मोकिंग के चलते ही होता है। यदि मरीज शुरुआती दौर में ही डॉक्टर के पास पहुंचे तो  लंग कैंसर से बचा जा सकता है। सजर्री करके उसे निकाल दिया जाता है।

कुछ जानकारियां

ऑफिस से कर्मी ब्रेक लेकर सिगरेट पीने बाहर जाते हैं, जबकि वास्तव में उन्हें उसकी कमी महसूस नहीं हो रही होती है। वे सिर्फ अपने सहयोगी का साथ देने जाते हैं।
लोग फिल्टर-टिप्ड सिगरेट खरीदते हैं, ये सोचकर कि इससे सेहत पर कोई बुरा असर नहीं होगा, लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ता।
लड़कियों में बढ़ता स्मोकिंग का चलन उनमें जैविक गड़बड़ियों का कारण बनता जा रहा है। वे फिल्टर सिगरेट, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, निकोटिन पैच आदि इस्तेमाल कर रही हैं। शायद उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि तंबाकू का कोई भी रूप ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर, गर्भावस्था से संबंधित जटिलताएं पैदा कर सकता है।

स्मोकिंग है ब्यूटी किलर
धूम्रपान का सेवन शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से तो हानिकारक है ही, बल्कि सौंदर्य की दृष्टि से भी इसका सेवन घातक होता है।      

क्या करें
धूम्रपान करने वालों को चाय और खनिज वाले फलों व सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
स्मोकिंग की आदत को धीरे-धीरे छोड़ने का प्रयास करना चाहिए।

बचें इन दुष्प्रभावों से

धूम्रपान का अत्यधिक सेवन शारीरिक ऊर्जा को समाप्त करता है
वस्त्रों, बालों और मुंह से बदबू आने लगती है
खांसी की समस्या उत्पन्न होती है
दातों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है
बाल जल्दी सफेद होने लग जाते हैं और उनके झड़ने की समस्या भी शुरू हो जाती है
धूम्रपान करने वाला व्यक्ति अपनी आयु से कम से कम 14 साल कम जीता है
तंबाकू में प्रयुक्त रसायनों का त्वचा पर हानिकारक और प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है
स्मोकिंग करने वालों में ऑक्सीजन की कमी पाई जाती है
होठों की मांसपेशियों के अतिरिक्त संकुचन उत्पन्न करता है, जो आगे चलकर झुर्रियां बन जाती हैं
दांत पीले पड़ने लगते हैं
ऐसे व्यक्ति शीघ्र बुढ़ापे का शिकार होते हैं
इसकी वजह से त्वचा में रक्त का सकरुलेशन कम हो जाता है, जिससे समय से पहले झुर्रियां पड़ती है व त्वचा ढीली पड़ जाती है

खानपान करेगा स्मोकिंग छोड़ने में मदद

क्या खाएं
सब्जियां और फल: ऐसी सब्जियां और फल खाएं, जिनमें एंटी ऑक्सिडेंट हों। ये शरीर में व्याप्त टॉक्सिन की मात्र और क्षमता दोनों को कम करते हैं। ये सब्जियां और फल हैं- पालक, हरी फूलगोभी, चुकंदर, प्याज, भुट्टा, जामुन, संतरा, अनन्नास, पपीता, काले अंगूर, सेब, तरबूज, केला, स्ट्रॉबेरी आदि।

डेयरी प्रोडक्ट: डेयरी प्रोडक्ट में दूध, दही, पनीर, मक्खन आदि खाने के बाद मुंह में एंजाइम निकलता है, जो तरह-तरह के स्मोकिंग के धुएं के साथ प्रतिक्रिया करता है। इससे स्मोकिंग से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

कोएंजाइम क्यू10 युक्त चीजें: यह बहुत ही प्रभावी एंटीऑक्सिडेंट होता है। शरीर और फेफड़े के सेल की सुरक्षा करता है। शोध में यह खुलासा हुआ है कि स्मोकिंग अधिक करने से अधिक उम्र में भूलने वाली बीमारी होने की आशंका काफी अधिक हो जाती है। इसकी पूर्ति के लिए चिकन, अंडे, सोयाबीन तेल, कपास बीज का तेल, पालक, शकरकंद, लहसुन का खाने में प्रयोग करना चाहिए। 

संतरे का जूस पीएं: जब लोग लगातार सिगरेट पीते हैं तो साथ में शरीर में विटामिन सी की भी कमी तेजी से होती चली जाती है। तब शरीर विटामिन सी की पूर्ति कुछ अप्राकृतिक तत्वों यानी निकोटिन से करता है। इसलिए तेजी से छुटकारा पाने के लिए विटामिन सी युक्त चीजें खानी चाहिए। संतरे के आलावा नीबू, किशमिश और अनार का जूस ले सकते हैं।

क्या न करें
अल्कोहल से रहें दूर
: जब आप स्मोकिंग छोड़ने के लिए खुद को तैयार कर रहे हों, तब अल्कोहल यानी शराब न पीएं। यह सिगरेट पीने के लिए उकसाता है। चूंकि सिगरेट से निकलने वाला निकोटिन और अल्कोहल दोनों मिलकर शरीर में डोपामाइन नामक रसायन को बढ़ा देते है।

कैफीन न लें- वैसी तमाम चीजें, जिनमें कैफीन पाई जाती हो, उससे दूर रहने में ही भलाई है। डक यूनिवर्सिटी के शोध में सामने आया है कि यह कैफीन ही है, जो स्मोकिंग करने वालों में सिगरेट पीने का टेस्ट जगाता है। इसलिए कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक लेने से परहेज करना चाहिए।
सौरभ सुमन

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