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प्रिया के लिए एकता ने इंतजार किया: साक्षी

‘कहानी घर घर की’ की पार्वती भाभी के रूप में मशहूर अभिनेत्री साक्षी तंवर अब एक नए अंदाज में सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ में प्रिया के किरदार में...

प्रिया के लिए एकता ने इंतजार किया: साक्षी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 23 Jul 2011 12:46 PM
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‘कहानी घर घर की’ की पार्वती भाभी के रूप में मशहूर अभिनेत्री साक्षी तंवर अब एक नए अंदाज में सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ में प्रिया के किरदार में नजर आ रही हैं। सीरियल में वह अपने हम उम्र चरित्र को ही निभा रही हैं तो दूसरी तरफ वह सनी देओल के साथ डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी निर्देशित फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ में भी अभिनय कर रही हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ मुख्य अंश।

‘कहानी घर घर की’ सर्वाधिक सफल सीरियल था, लेकिन इसका प्रसारण बंद होने के बाद आप गायब रहीं?
गायब रहने का मेरा अपना एक सोचा समझा निर्णय था। लगातार आठ साल तक इस शो में पार्वती का किरदार निभाती रही। पूरे आठ साल तक सीरियल की कहानी मेरे ही किरदार के इर्द-गिर्द घूमती रही। उसके बाद मैं घूमने गई। जब ‘बालिका वधू’ में पार्वती भाभी के एकदम विपरीत नकारात्मक किरदार निभाने का मौका मिला, तो मैंने वह किया, क्योंकि वह छोटा सा किरदार था। 

लेकिन ‘बालिका वधू’ में आपके चरित्र को पसंद नहीं किया गया, इसलिए इस चरित्र को जल्दी खत्म कर दिया गया?
मैं आपकी बात से सहमत नही हूं। ‘बालिका वधू’ का किरदार शुरू से ही हमें छोटा बताया गया था। वह लंबा किरदार नहीं था। यहां तक कि चैनल के पास भी दर्शकों की मांग थी कि इस चरित्र को बढ़ाया जाए, लेकिन मैं स्वयं इसे लंबा करने के लिए तैयार नहीं थी।

‘बड़े अच्छे लगते हैं’ को स्वीकार करने की क्या वजह रही?
‘कहानी घर घर की’ का प्रसारण बंद होते ही एकता कपूर ने हमें इस सीरियल का ऑफर दिया था। वह इस सीरियल को मेरे और राम कपूर के साथ ही शुरू करना चाहती थीं, लेकिन मैंने उनसे स्पष्ट रूप से कह दिया कि मैं कुछ समय के लिए ब्रेक लेना चाहती हूं। तो एकता ने कहा कि वह इंतजार करेंगी और इस सीरियल की शुरूआत जब भी होगी, मेरे व राम कपूर के साथ ही होगी। सीरियल की कहानी, इसके चरित्र भी मुझे पसंद थे। एकता के साथ काम करते हुए मैंने हमेशा इंज्वॉय किया। मुझे तो उनका स्वभाव भी बहुत पसंद है। हमारे बीच कभी मन मुटाव नहीं हुआ।

इस शो में काम करने के क्या अनुभव हो रहे हैं?
बड़ा सुखद अनुभव रहा। एक यथार्थप्रद किरदार निभाने का मौका मिला। एकता कपूर ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से इस सीरियल और इसके सारे चरित्रों को गढ़ा है। 

आपको लगता हैं कि लोग आपको ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ में रोमांटिक किरदार में देखना चाहते हैं?
सच यह है कि अब हमारे लिए काम करना ज्यादा आसान हो गया है। आज हम ऐसे मुकाम पर पहुंच चुके हैं, जहां हमारे कुछ लॉयल दर्शक हैं, जो कि हर उस सीरियल को देखना चाहेंगे, जिसमें हम नजर आएंगे। आज की तारीख में हमारे करोड़ों प्रशंसक हैं, इस वजह से अब हमें रचनात्मक स्तर पर काम करने की ज्यादा आजादी मिल गयी है। अब मुझे कुछ भी साबित नहीं करना है। जब मैं पार्वती भाभी का चरित्र निभा रही थी, उस वक्त हमें एक कलाकार के रूप में अपने आपको खोजना था। एक चरित्र को स्थापित करना था। अपनी प्रतिभा को साबित करना था। इसलिए उस वक्त हमें ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी। इसी के साथ अब दर्शक भी थोड़ा खुले दिमाग के हो गए हैं। सीरियल को भी ज्यादा हाइप मिलने लगी है। लोग कलाकार को समझने लगे हैं।

आपने कुछ फिल्में भी कीं, लेकिन बात जमी नहीं?
मैंने यहां कुछ काम निजी रिश्तों के लिए भी किए हैं, लेकिन अब सावधान हो गई हूं। हाल ही में मैंने डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ में अभिनय किया है।

‘मोहल्ला अस्सी’ में आपका किरदार क्या है?
मैंने इस फिल्म में सनी देओल की पत्नी सावित्री का किरदार निभाया है, जो कि संस्कृत की टीचर है। इसमें पति पत्नी के रिश्तों के साथ अच्छे व बुरे समय का चित्रण है। इसमें मेरा किरदार काफी दमदार है, जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे। मैं कहना चाहूंगी कि इस तरह के रोल काफी कम लिखे जाते हैं। उम्मीद करती हूं कि लोगों को भी ये रोल और ये फिल्म भी काफी पसंद आएगी।

आपको काफी शोहरत मिल गई। अब क्या करना है?
हर कलाकार सफल होने के साथ साथ एक कलाकार की हैसियत से खुद को ग्रो करना चाहता है। मैं भी अपने आपको और अधिक ग्रो होते देखना चाहती हूं। इसलिए अभी मुझे बहुत कुछ अलग सा काम करना है। मुझे तो लगता है कि अभी तो मैंने कुछ खास किया ही नहीं है। मुझे छोटे परदे के साथ-साथ फिल्मों में भी चुनौतीपूर्ण काम करना है। मुझे वे किरदार निभाने हैं, जिनसे मेरे अंदर की परफरमेस निखर सके। मेरा कलाकार नया जीवन पा सके।

अब तक आपको जो सफलता मिली है, उसका श्रेय आप किसे देती हैं?
टीवी लेखक का माध्यम है। इसलिए मैं सीरियल की सफलता का सारा श्रेय लेखक व क्रिएटिव टीम को ही देती हूं। ‘कहानी घर घर की’ तथा उसके पात्र पार्वती को भी जो शोहरत मिली थी, उसका भी श्रेय मैं इसके लेखक और इसकी क्रिएटिव टीम को ही देती हूं। मैं कहना चाहूंगी कि एक टीम ही पूरे तरीके से लोगों का मनोरंजन कर सकती है।

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