पुरी रथयात्रा में उमड़ा भक्तों का सैलाब
उड़ीसा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सालाना रथ यात्रा के अवसर पर रविवार को लाखों श्रद्धालु और पर्यटक वहां पहुंच चुके हैं। जगन्नाथ मंदिर के जनसम्पर्क अधिकारी लक्ष्मीधर पूजापांडा ने बताया कि सभी रस्मे...
उड़ीसा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सालाना रथ यात्रा के अवसर पर रविवार को लाखों श्रद्धालु और पर्यटक वहां पहुंच चुके हैं। जगन्नाथ मंदिर के जनसम्पर्क अधिकारी लक्ष्मीधर पूजापांडा ने बताया कि सभी रस्मे निर्धारित समय पर शुरू हुईं।
इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से दो किलोमीटर दूरी पर बने गुंडीचा मंदिर जाते हैं। उन तीनों को लकड़ी के भव्य रथों में सवार करवाया जाता है और भक्त उन रथों को गुंडीचा मंदिर तक खींचकर ले जाते हैं।
पूजापांडा ने बताया, ''सुबह आठ बजे तक पुरी में पांच लाख श्रद्धालु पहुंच चुके थे। मौसम अनुकूल है और हमें उम्मीद है कि शाम तक यहां 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु एकत्र हो जाएंगे।''
उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विग्रहों को मंदिर से रथों में लाने की रस्म सुबह 8.35 बजे शुरू हो गई। रथों को खींचने की रस्म तीन बजे शुरू हो गई।
यह त्योहार नौ दिन तक चलता है और आखिरी दिन तीनों देवता अपने घर जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं। उनकी वापसी की यात्रा को बहुधा कहा जाता है। रथारूढ़ देवताओं की झलक पाना बहुत शुभ समझा जाता है।
राज्य सरकार ने किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। कानून एवं व्यवस्था बरकरार रखने के लिए हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। विभिन्न स्थानों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि खोजी कुत्ते, बम निरोधक दस्ते और अग्निशमन गाड़ियां तैनात की गई हैं। उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 56 विशेष रेलगाड़ियां चलाई गई हैं।