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चौकन्ने रहें, ताकि दोहराया न जा सके आपातकाल का इतिहास : सुषमा

आपातकाल की 36वीं बरसी के मौके पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने चौकन्ना रहने की जरूरत पर बल दिया है, ताकि आपातकाल का इतिहास दोहराया न जा सके। सुषमा ने टि्वटर पर लिखा है, 36 साल पहले देश...

चौकन्ने रहें, ताकि दोहराया न जा सके आपातकाल का इतिहास : सुषमा
एजेंसीSun, 26 Jun 2011 04:08 PM
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आपातकाल की 36वीं बरसी के मौके पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने चौकन्ना रहने की जरूरत पर बल दिया है, ताकि आपातकाल का इतिहास दोहराया न जा सके।

सुषमा ने टि्वटर पर लिखा है, 36 साल पहले देश में आपातकाल लगाया गया। नागरिकों का स्वतंत्रता से जीने का अधिकार चला गया। लाखों निर्दोष लोगों को 19 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया। जिन्होंने उनका विरोध किया, उन्हें प्रताड़ित किया गया।

सुषमा के मुताबिक, इसका एकमात्र कारण यह था कि उस समय के शासक किसी भी तरह सत्ता में बना रहना चाहते थे। उन्होंने लिखा है, हमारी युवा पीढ़ी ने स्वतंत्रता संघर्ष नहीं देखा। उन्होंने आपातकाल और लोकतंत्र के लिए देश का संघर्ष भी नहीं देखा। उन्हें इसके बारे में बताया जाना चाहिए क्योंकि मौजूदा शासक वही प्रवृत्ति दिखा रहे हैं।

भाजपा नेता के मुताबिक, संसदीय संस्थाओं के प्रति उनका निरादर और रामलीला मैदान पर चार जून को जो कुछ भी हुआ, वह इसका स्पष्ट उदाहरण है। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपातकाल का इतिहास दोहराया न जाए। सुषमा ने लिखा है कि हमें इस बात को लेकर चौकन्ना रहने की जरूरत है, ताकि आपातकाल का इतिहास पुन: न दोहराया जाए।

 

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