पाकिस्तानः सरबजीत मामले में सरकार को नोटिस
पाकिस्तान की एक अदालत ने भारतीय कैदी सरबजीत सिंह को राष्ट्रपति के संभावित क्षमादान के खिलाफ दायर याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया है और तीन हफ्ते के भीतर इस पर जवाब मांगा है। सरबजीत को पाकिस्तान...
पाकिस्तान की एक अदालत ने भारतीय कैदी सरबजीत सिंह को राष्ट्रपति के संभावित क्षमादान के खिलाफ दायर याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया है और तीन हफ्ते के भीतर इस पर जवाब मांगा है।
सरबजीत को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चार बम विस्फोटों में कथित भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। 1990 में हुए इन धमाकों में 14 लोगों की मौत हो गई थी।
अधिवक्ता राणा इलमुद्दीन गाजी ने मंगलवार को लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिसमें उन्होंने कहा कि सरबजीत को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट उसकी अपील को खारिज कर चुके हैं। यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी उसकी दया याचिका को ठुकरा चुके हैं।
गाजी ने दावा किया कि पाकिस्तान यात्रा पर आई सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने राष्ट्रपति से अपने भाई की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने और उसे जेल से रिहा करने की अपील की थी।
गाजी ने कहा कि विस्फोटों में मारे गए लोगों के कानूनी उत्तराधिकारियों की सहमति के बिना राष्ट्रपति संविधान की धारा 45 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
सरबजीत के परिवार ने उस पर लगे आरोपों को यह कहकर खारिज किया है कि वह नशे की हालत में सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया। सरबजीत की मौत की सजा को 2008 में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के हस्तक्षेप के बाद अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था।