यश और शोहरत दिलाती है विंड चाइम
विंड चाइम, इसे पवन घंटियां भी कहा जाता है। इसके प्रयोग से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। विंड चाइम धातु, लकड़ी, बांस या सिरेमिक पाइप से बनी होती है। ये पाइप अंदर से बांसुरी की तरह खाली होते हैं।...
विंड चाइम, इसे पवन घंटियां भी कहा जाता है। इसके प्रयोग से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। विंड चाइम धातु, लकड़ी, बांस या सिरेमिक पाइप से बनी होती है। ये पाइप अंदर से बांसुरी की तरह खाली होते हैं। इन पाइपों को रेशमी धागों से बांधा जाता है।
लकड़ी और बांस से बनी विंड चाइम पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशा में लगानी चाहिए। इससे घर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने के साथ-साथ नाम व यश भी बढ़ता है। छह रॉड वाली गोल्डन व येलो कलर की विंड चाइम उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाने से यश एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। नौकरी एवं व्यवसाय में तरक्की के अवसर मिलते हैं। सात रॉड वाली सिल्वर व सफेद रंग वाली विंड चाइम घर में पश्चिम दिशा में लगाने से परिवार के सदस्यों तथा ऑफिस में लगाने से सहकर्मियों और नौकरों से संबंध अच्छे बने रहते हैं।
जिन लोगों की जन्मतिथि में धातु तत्व की कमी हो, उन्हें मेटल की विंड चाइम और पृथ्वी तत्व की कमी होने पर सिरेमिक विंड चाइम का प्रयोग करना चाहिए। एल्यूमिनियम, लोहे व पीतल के पाइप वाली विंड चाइम का प्रयोग हानिकारक होता है। इन पर पाउडर कोटिंग की जाती है, लेकिन इनकी आवाज कर्कश होती है।
क्रिस्टल बॉल
यह घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि करती है। घर में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष होने पर पूर्व दिशा में 9 क्रिस्टल बॉल्स का गुच्छा लगाने से काफी हद तक वास्तु दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। घर की पश्चिम दिशा में क्रिस्टल बॉल इस प्रकार लगाएं कि सूर्य की किरणें उस पर पड़ें। इससे घर के बुजुर्गों और महिलाओं में दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। घर के निराशाजनक वातावरण को दूर कर सुख-शांति और धन की वृद्धि करने में भी यह सहायक है। घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में डायमंड कट वाली क्रिस्टल बॉल, जहां पिता-पुत्र संबंधों में मधुरता लाती है, वहीं जीवन में प्रेम का संचार भी करती है।
सिक्के और घंटियां
फेंग्शुई सिक्के ऊपर से गोल और अंदर से वर्गाकार छेद लिए होते हैं। घर में सौभाग्य और समृद्धि लाने के लिए इन सिक्कों का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए तीन फेंग्शुई सिक्कों को लाल रंग के रिबन या रेशमी धागे से एक साथ बांधकर पर्स या दुकान के गल्ले में रखा जाता है। इसके अलावा इन सिक्कों को केवल मुख्य द्वार पर अंदर की तरफ और तिजोरी के दरवाजे पर भी बांधा जा सकता है। इन सिक्कों के साथ-साथ छोटी घंटियों को भी बांधा जा सकता है। लाल रिबन से बंधी ये घंटियां सौभाग्य का प्रतीक होती हैं। इन घंटियों से किसी प्रकार की ध्वनि नहीं होती। पुरानी हो जाने पर इन घंटियों को बदल देना चाहिए।