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व्यवसायिक खेल बन गए हैं रिएलिटी शो : घोषाल

पाश्र्व गायिका श्रेया घोषाल प्रतिभा खोज कार्यक्रम से ही सामने आईं लेकिन अब वह कहती हैं कि भारत में रिएलिटी कार्यक्रमों में एक बड़ा व्यवसायिक मोड़ आ गया है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता घोषाल का कहना है...

व्यवसायिक खेल बन गए हैं रिएलिटी शो : घोषाल
एजेंसीMon, 06 Jun 2011 05:39 PM
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पाश्र्व गायिका श्रेया घोषाल प्रतिभा खोज कार्यक्रम से ही सामने आईं लेकिन अब वह कहती हैं कि भारत में रिएलिटी कार्यक्रमों में एक बड़ा व्यवसायिक मोड़ आ गया है।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता घोषाल का कहना है कि अब इन कार्यक्रमों में आवाज और गायकी से ज्यादा यह बात महत्व रखती है कि आप दिखते कैसे हैं।

घोषाल को सबसे पहले उस वक्त पहचान मिली थी जब उन्होंने 'टीवीएस सारेगामा' में हिस्सा लिया था। इसके बाद संजय लीला भंसाली की फिल्म 'देवदास' (2002) में गाए गीत 'बैरी पिया' ने उन्हें उनका पहला राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया और वह बहुत लोकप्रिय भी हो गईं।

अब वह सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के शो 'एक्स-फैक्टर' की जज हैं। घोषाल ने साक्षात्कार में कहा कि जब मैंने सारेगामा में हिस्सा लिया तब मैं बच्ची थी और यह कोई रिएलिटी शो नहीं था। वहां पर एसएमएस के जरिए वोट देने जैसी कोई प्रक्रिया नहीं थी।

उन्होंने कहा कि वहां उस्ताद विलायत खां साहब और अनिल बिस्वास जैसे जज थे, जिन्होंने भारतीय संगीत की संस्था बनाई थी। उनके सामने गाना बहुत बड़ी बात थी। हम ये सब कहां जानते थे कि पहनावा कैसा हो और दूसरी किन बातों पर ध्यान देना है। टेलीविजन के बहुत विस्तार हासिल कर लेने के बाद ये सारी चीजें आई हैं। वर्तमान में यह व्यवसायिक खेल बन गया है। इसमें कई लोग हैं और वे इस पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि वे कितने आकर्षक दिख रहे हैं।

घोषाल इससे पहले 'स्टार वॉइस ऑफ इंडिया-छोटे उस्ताद' की जज रह चुकी हैं। वह महसूस करती हैं कि 'एक्स-फैक्टर' रिएलिटी कार्यक्रमों के नए मानक स्थापित करेगा। शो का प्रसारण 29 मई से शुरू होगा।

उन्होंने कहा कि जहां तक टेलीविजन कार्यक्रमों का सवाल है तो यह शो निश्चित रूप से एक मानक स्थापित करेगा। घोषाल के साथ भंसाली और सोनू निगम इस शो के जज हैं।

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