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अनुपम खेर के 5 मंत्र

अनुपम खेर आज जाने-माने अभिनेता हैं, पर सफलता की राह उनके लिए कभी आसान नहीं रही। मगर उनकी जीवन शैली में कुछ ऐसी खास बातें शामिल रहीं, जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। ये बातें आपके लिए सफलता के...

अनुपम खेर के 5 मंत्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 10 May 2011 05:16 PM
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अनुपम खेर आज जाने-माने अभिनेता हैं, पर सफलता की राह उनके लिए कभी आसान नहीं रही। मगर उनकी जीवन शैली में कुछ ऐसी खास बातें शामिल रहीं, जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। ये बातें आपके लिए सफलता के मंत्र का काम कर सकती हैं। आइए जानें ये मंत्र।

1. खुद की तलाश जारी रखिए। जरूरी नहीं कि आप खुद को जितना जानते हैं या दूसरे आपको जितना समझते हैं, आपकी शख्सीयत उतनी ही है। उससे परे भी आपकी कुछ खासियतें और कुछ कमियां हो सकती हैं। इन खासियतों और कमियों को तलाशते रहिए। हो सकता है इस तलाश में आपको कोई नया सपना मिल जाए, अपने किसी अनजान हुनर से आप वाकिफ हो जाएं। इसलिए अपनी तलाश जारी रखिए।

2. सफलता उनको मिलती है, जिनमें काम करने का एटिटय़ूड होता है। मैं टैलेंट की बात नहीं कर रहा। याद रखिए टैलेंट बाद में काम आता है। पहले एटिटय़ूड काम आता है। एटिटय़ूड यानी काम करने की लगन, ईमानदारी और समर्पण, अपने संस्थान और पेशे के लिए सच्चाई। आप में ये खूबियां हैं और टैलेंट थोड़ा कम भी है तो काम चल सकता है। मगर काम से मोहब्बत ही नहीं है तो टैलेंट भी बेकार हो जाएगा।

3. जानकारियां इकट्ठा मत कीजिए। ज्ञान हासिल कीजिए। आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी दिक्कत है कि उसके पास सर्च इंजन हैं। उसे हर चीज की जानकारी गूगल से मिल रही है। चीजें जानने के लिए उसे खुद कोई मेहनत नहीं कर पड़ रही, इसलिए उसका दिमाग नॉलेज बैंक में तबदील हो रहा है, मगर लर्निंग स्किल उसमें नहीं पनप रही। आप चीजों के बारे में जानने से ज्यादा चीजों के बारे में खोजने में यकीन कीजिए। इस प्रक्रिया में आप नया सीखेंगे।

4. लोगों से संवाद कीजिए। कोई चिंता है, परेशानी है, सुख है या दुख है, निराशा, हताशा या कुंठा है तो उसे अपने करीबियों से बांटिए। इससे आपका दुख कम होगा। हो सकता है उलझन से बाहर आने का कोई मंत्र भी मिल जाए। अगर ये सारी नकारात्मक चीजें आप अंदर रखेंगे तो ये आपको अंदर से बीमार बना देंगी। मनोवैज्ञानिक रूप से बीमार। मनोवैज्ञानिक रूप से बीमार व्यक्ति कभी कामयाब नहीं हो सकता।

5. उदासी नशे की तरह है, जो आपको अंदर से खोखला करती है, इसलिए उदास मत रहिए। ये आपके सामाजिक दायरे को छोटा करती है। उदास इनसान के साथ कोई नहीं रहना चाहता। इस प्रवृत्ति को छोड़ने का एक नुस्खा है। आप अभी से बस यह स्वीकार कर लीजिए कि आप खुश हैं। दिन में दस बार खुद से कहिए कि आप खुश हैं। कुछेक महीनों में आप वाकई खुश रहने लगेंगे।

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