अफगानिस्तान में आपूर्ति ठप्प, पेंटागन की पाक से गुहार
पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को जरूरी सामान की आपूर्ति का मार्ग बंद किए जाने के बाद से पेंटागन बार-बार पाकिस्तान से इसके खोलने की गुहार लगा रहा है। नाटो हमले में अपने तीन सैनिकों...
पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को जरूरी सामान की आपूर्ति का मार्ग बंद किए जाने के बाद से पेंटागन बार-बार पाकिस्तान से इसके खोलने की गुहार लगा रहा है।
नाटो हमले में अपने तीन सैनिकों की मौत से नाराज पाकिस्तान ने अफगानिस्तान जाने वाले एक अहम रास्ते को बंद कर दिया है, जिससे अफगानिस्तान में मौजूद नाटो सैनिकों को जरूरी सामान की आपूर्ति रुक गई है।
पेंटागन के कई अधिकारियों ने जहां माफी मांगी है वहीं कुछ अधिकारियों ने इस बात पर खेद प्रकट किया है। अमेरिकी अधिकारियों के ऐसे रुख की यह एक असामान्य सी घटना है।
पेंटागन ने कहा कि अफगानिस्तान में अपने सैनिकों को भेजे जाने वाले सामान की 50 प्रतिशत आपूर्ति पाकिस्तान के रास्ते होती है, जबकि शेष सामान वैकल्पिक मार्गों से भेजा जाता है।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि सीमा पार से आए एक नाटो हेलीकॉप्टर के हुए एक हमले में पाकिस्तान के तीन जवान मारे गए, इसके बाद गुरुवार से पाकिस्तान ने इस रास्ते को बंद कर दिया।
अमेरिका ने जोर देते हुए कहा था कि यह स्वरक्षा में किया गया हमला था, जबकि पाकिस्तान का मानना है कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन था। इस घटना की अमेरिका और पाकिस्तान ने संयुक्त तौर पर जांच की, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है।
पेंटागन के प्रवक्ता ज्योफ मोरेल ने संवाददाताओं से कहा यह एक अफसोसजनक घटना थी। उन्होंने आशा जताई कि आपूर्ति की जाने वाली लाइन को जल्दी ही खोल दिया जाएगा। मोरेल ने बताया कि पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत एनी पैटर्सन ने भी पाकिस्तान से इस बात पर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा कि इस घटना पर नाटो के महासचिव ने भी खेद जताया था।
मोरेल ने कहा अफगानिस्तान में नाटो और अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल डेविड पेट्रायस और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रमुख एड़मिरल माइक मुलेन ने पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी से बात करके उनसे इस घटना को लेकर खेद प्रकट किया।
इस बीच पाकिस्तान ने तर्क दिया है कि तोरखाम गेट को बंद करने का कारण वहां खड़े काफिलों को सुरक्षित करना था।