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विकास के लिए अमीर देश अपने वादे पूरे करें: भारत

भारत ने अमीर देशों से उन वादों को पूरा करने का आह्वान किया है जिनमें कहा गया था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास को गति देने के लिए वे विकासशील राष्ट्रों को अधिक से अधिक कोष, तकनीक और दक्षता निर्माण...

विकास के लिए अमीर देश अपने वादे पूरे करें: भारत
एजेंसीThu, 23 Sep 2010 05:51 PM
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भारत ने अमीर देशों से उन वादों को पूरा करने का आह्वान किया है जिनमें कहा गया था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास को गति देने के लिए वे विकासशील राष्ट्रों को अधिक से अधिक कोष, तकनीक और दक्षता निर्माण में मदद करेंगे।

सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष महासभा को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा, ‘एक मजबूत वैश्विक साझेदारी के निर्माण में प्रगति के अभाव को दूर किए जाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के साथ ही तकनीक के स्थानांतरण और दक्षता निर्माण से जुड़े वादे को पूरा किए जाने की जरूरत है।’

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के एक कथन का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में हमें महात्मा गांधी के विचारों का अनुसरण करना होगा ताकि इसमें मानवीय उपलब्धि को भी जोड़ा जा सके। पूरी दुनिया में इसी दिशा में आगे बढ़ना होगा।’

कृष्णा ने कहा, ‘किसी सभ्य समाज में कोई भी सरकार लोगों की बुनियादी सुविधाओं की उपेक्षा नहीं कर सकती। इस लक्ष्य को हासिल करने की प्रक्रिया में हमारे समाज के हर अंतिम व्यक्ति को शामिल किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों की समयसीमा को पूरा होने में सिर्फ पांच साल शेष है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपनी निजी और सामूहिक प्रतिबद्धताओं और प्रयासों को एक साथ जोड़ें ताकि इस लक्ष्यों को मूर्त रूप दिया जा सके।’

कृष्णा ने कहा, ‘वर्ष 2008 की आर्थिक मंदी के कारण 2009 में 6 करोड़ लोग और गरीबी की श्रेणी में पहुंच गए। ऐसे में यह जरूरी है कि अर्थव्यवस्था में सुधार संतुलित और स्थायी होना चाहिए। गरीबी इन लक्ष्यों को हासिल करने के  साथ-साथ खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और पाकृतिक आपदाओं से जुड़े मुद्दों को हल करने में चुनौती है।’

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