फोटो गैलरी

Hindi News...आया गोकुल का ग्वाला, संभाल तेरी मटकी रे

...आया गोकुल का ग्वाला, संभाल तेरी मटकी रे

जन्माष्टमी का त्यौहार मुंबई में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उत्साह, धैर्य और संयम से लबरेज युवाओं (गोविंदाओं) की टोली दही हांडी को तोड़ने के लिये शहर में हर जगह मौजूद है। दही हांडी को तोड़ने...

...आया गोकुल का ग्वाला, संभाल तेरी मटकी रे
एजेंसीThu, 02 Sep 2010 02:46 PM
ऐप पर पढ़ें

जन्माष्टमी का त्यौहार मुंबई में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उत्साह, धैर्य और संयम से लबरेज युवाओं (गोविंदाओं) की टोली दही हांडी को तोड़ने के लिये शहर में हर जगह मौजूद है।

दही हांडी को तोड़ने के बाद मिलने वाली पुरस्कार राशि की भारी रकम उनके उत्साह को बरबस ही बढा़ये जाती है। मुंबई और ठाणे के कुछ इलाकों में दही हांडी तोड़ने पर 31 लाख रुपये की पुरस्कार राशि पाने की ललक में महिलाओं की टोली के घायल होने की खबर है।

जन्माष्टमी के अवसर पर मनाये जाने वाले इस त्यौहार के मौके पर मुंबई में कई जगहों पर चालीस फुट की ऊंचाई पर एक हांडी लटकाई जाती है, जिसमें दही और मक्खन भरा होता है।

नौजवानों का समूह 'गोविंदा' एक दूसरे के सहयोग से पिरामिड के आकार में ऊपर चढ़ते हैं और इस हांडी को तोड़ने की कोशिश करते हैं। उनके इस प्रयास को रोकने के लिए आस पास मौजूद भीड़ उनके ऊपर पानी की बौछार करती है।

पिछले साल जब दही हांडी का त्यौहार मनाया जा रहा था तो मुंबई पर स्वाइन फ्लू का कहर जारी था जबकि इस बार यहां लोगो को मलेरिया का भय परेशान कर रहा है।

दही हांडी को तोड़ने के लिये पूरे शहर में करीब छह सौ गोविंदाओं की टोलियां हैं जिनमें सबसे ज्यादा मशहूर दादर और वर्ली की टोली हैं। यह समारोह जन्माष्ठमी के पूरे दिन से लेकर देर रात तक मुंबईकर पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें