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Hindi News'भारत उदय' से अमेरिका के लिए दक्षिण-एशिया का महत्व बढ़ा'

'भारत उदय' से अमेरिका के लिए दक्षिण-एशिया का महत्व बढ़ा'

भारत के तेज विकास और पाकिस्तान की परेशानियों के चलते अमेरिका के लिए दक्षिण एशिया का महत्व यूरोप के मुकाबले बढ़ गया है। अमेरिका के पूर्व उप विदेश मंत्री रिचर्ड आर्मिटेज ने सोमवार को यह बात कही।...

'भारत उदय' से अमेरिका के लिए दक्षिण-एशिया का महत्व बढ़ा'
एजेंसीTue, 10 Aug 2010 05:48 PM
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भारत के तेज विकास और पाकिस्तान की परेशानियों के चलते अमेरिका के लिए दक्षिण एशिया का महत्व यूरोप के मुकाबले बढ़ गया है।

अमेरिका के पूर्व उप विदेश मंत्री रिचर्ड आर्मिटेज ने सोमवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ताकत में भी अब तुलनात्मक रूप से कमी आ रही है।

आर्मिटेज ने कहा कि ओबामा प्रशासन और बुश प्रसाशन की विदेश नीति की कोई खास अंतर नहीं दिखा है। बल्कि यह बुश प्रशासन की नीतियों का उदार और सभ्य रूप है।

पीबीएस समाचार चैनल के पत्रकार चार्ली रोज को दिए एक साक्षात्कार में आर्मिटेज ने कहा, ''हम हालांकि अगले 20 साल तक सबसे बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत बने रहेगें लेकिन इसमें लगातार गिरावट आई है।''

उन्होंने कहा, ''चीन ने तेजी से वृद्धि की है। एशिया में प्रभाव और आर्थिक विकास के लिए वास्तविक प्रतिस्पर्धा चीन से ही है।''

आर्मिटेज ने कहा रूस के संबंधों में हाल के वर्षो में तेजी से बदलाव आया है। उन्होंने अपने पुराने दुश्मनों जैसे तुर्कियों से मित्रता की है।

''अतीत की तुलना में अब अमेरिका के लिए यूरोप का महत्व कम रहेगा। जबकि भारत की मजबूती और पाकिस्तान की मुश्किलों के चलते दक्षिण एशिया का महत्व ज्यादा रहेगा। ''

आर्मिटेज ने कहा चीन को लेकर अमेरिकी प्रशासन ने भयंकर नीतिगत भूल की है।

''चीन का अंध समर्थन, ताइवान को हथियारों की बिक्री नहीं करना और दलाई लामा पर ध्यान नहीं देना अमेरिकी प्रशासन की नीति में मानसिक रोग के लक्षण की तरह है।''

''मेरा मानना है कि यह भयंकर भूल है क्योंकि हमारे चीनी मित्र कभी कृतज्ञ नहीं होते। वे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप निर्णय करते हैं हमें भी ऐसा ही करना चाहिए।''

आर्मिटेज ने कहा हालांकि एशिया को लेकर बुश और ओबामा की नीति कोई खास बदलाव नहीं है।

उन्होंने कहा, ''मैं एशिया को बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं। विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री दोनों ने ही एशिया में काफी समय बिताया है और साबित किया है कि वह एशिया की सदी का हिस्सा बनना चाहते हैं।''

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