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कसाब मामले की सुनवाई 12 अगस्त तक स्थगित

पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा का फैसला सोमवार को पुष्टि के लिए बंबई हाई कोर्ट के समक्ष आया, जिस पर उसने 12 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। दो वर्ष...

कसाब मामले की सुनवाई 12 अगस्त तक स्थगित
एजेंसीMon, 02 Aug 2010 02:15 PM
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पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा का फैसला सोमवार को पुष्टि के लिए बंबई हाई कोर्ट के समक्ष आया, जिस पर उसने 12 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।

दो वर्ष पहले मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के दौरान पाक आतंकी कसाब को जीवित पकड़ा गया और उसके खिलाफ निचली अदालत में मुकदमा चलाया गया था।

लोक अभियोजक पांडुरंग पोल ने कहा कि इसी मामले में फहीम अंसारी और सबाउद्दीन शेख को बरी करने के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार एक हफ्ते के भीतर एक अपील दायर करेगी। इसके बाद न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति विजया ताहिलरमानी ने मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया।

निचली अदालत ने अंसारी और शेख को मुंबई में आतंकवादी हमले करने की साजिश रचने के आरोप से बरी कर दिया था। अदालत का तर्क था कि दोनों के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्य संदेहास्पद हैं।

सुरक्षा कारणों से कसाब को सोमवार को हाई कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया गया। उसने पूर्व में पत्र लिखा था जिसके मद्देनजर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अमीन सोलकर और फरहाना शाह को राज्य के खर्च पर कसाब का बचाव करने के लिए नियुक्त किया था।

सोलकर सोमवार को अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं थे जबकि शाह ने कसाब की तरफ से अपील दायर करने के लिए दो महीने का वक्त मांगा। हालांकि, न्यायाधीशों ने कहा कि वे 12 अगस्त को आदेश पारित करने से पहले सोलकर और राज्य के पक्ष को सुनेंगे।

निचली अदालत ने पहले ही कसाब को मौत की सजा सुनाने वाला अपना फैसला पुष्टि के लिए हाई कोर्ट के पास भेज दिया है। कसाब और नौ अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों के 26 नवंबर 2008 को मुंबई के विभिन्न स्थानों पर किए गए हमले में 166 लोग मारे गए थे।

राज्य ने उज्ज्वल निकम को कसाब की मौत की सजा की पुष्टि पर दलील देने के लिए विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया है। साथ ही वह अंसारी और अहमद को निचली अदालत द्वारा बरी करने के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर भी दलील देंगे।

हालांकि, निकम अदालत में सोमवार को मौजूद नहीं थे और राज्य का प्रतिनिधित्व लोक अभियोजक पांडुरंग पोल ने किया। कसाब की मौत की सजा की पुष्टि के अलावा कसाब और राज्य की ओर से दायर अपील पर हाई कोर्ट के साथ-साथ सुनवाई करने की उम्मीद है।

गत छह मई को अपना फैसला सुनाते वक्त निचली अदालत ने कहा था कि कसाब ने जघन्य अपराध किया और उसे जेल की सजा काटने के लिए भेजने की बजाय फांसी दी जानी चाहिए ताकि जेल में बंद आतंकवादियों की रिहाई के बदले में कंधार विमान अपहरण कांड जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। कसाब अब आर्थर रोड जेल के विशेष प्रकोष्ठ में बंद है। वह कड़ी सुरक्षा के बीच है और उसे अन्य कैदियों से अलग रखा गया है।

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