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शुगर बढ़े या घटे पसीना सूंघ कर बताएंगे कुत्ते

अब कुत्ते व्यक्ति का पसीना सूंघ कर ही बता देंगे कि मधुमेह (शुगर) से ग्रस्त रोगी के शरीर में शुगर का स्तर कम या ज्यादा हो रहा है। लंदन से प्रकाशित डेलीमेल में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा...

शुगर बढ़े या घटे पसीना सूंघ कर बताएंगे कुत्ते
एजेंसीThu, 01 Jul 2010 12:20 PM
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अब कुत्ते व्यक्ति का पसीना सूंघ कर ही बता देंगे कि मधुमेह (शुगर) से ग्रस्त रोगी के शरीर में शुगर का स्तर कम या ज्यादा हो रहा है।

लंदन से प्रकाशित डेलीमेल में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक बहरे, गूंगे या नेत्रहीन लोगों की मदद के लिए कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता रहा है लेकिन अब मधुमेह के रोगी के शुगर का स्तर पता लगाने के लिए भी कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाने लगा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे पहले 2004 में ब्रिटिश मेडिकल जनरल में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें कहा गया था कि कुत्तों की सूंघने की क्षमता आदमी की तुलना में एक लाख गुना अधिक होती है। एक विशेष अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने पाया कि कुत्ते मूत्र के नमूने को सूंघ कर यह बता सकते हैं कि अमुक व्यक्ति को मूत्राशय का कैंसर है या नहीं। इस रिपोर्ट के बाद वैज्ञानिक यह पता लगाने में जुट गए कि कुत्तों की सूंघने की इस जबरदस्त शक्ति की मदद से क्या अन्य रोगों का पता लगाने में भी मदद मिल सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन में कुत्ते विशेष प्रशिक्षण के बाद हाइपोग्लाइसीमिया यानी शरीर में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम हो जाना और हाइपरग्लाइसीमिया यानी ग्लूकोज का स्तर सामान्य से बढ़ जाना, दोनों ही स्थितियों का पता लगा सकते हैं।

समाचार पत्र के अनुसार हाल ही में विशेष रूप से प्रशिक्षित एक कुत्ते ने छह साल की एक बच्ची को रात के समय उस समय हाथ चाट चाट कर उठा दिया जब उसका शुगर लेवल काफी कम हो गया था और अगर वह तभी इन्सुलीन का इंजेंक्शन नहीं लगाती तो कोमा में जा सकती थी। लेबराडोर नस्ल के इस कुत्ते ने न सिर्फ उसे चाट चाट कर उठा दिया बल्कि पास ही रखी उसकी इन्सुलीन की किट भी उठाकर उसकी मां के हाथ में थमा दी। इससे पहले जब जब उस बच्ची के शरीर में शुगर लेवल कम होता था तो उसे काफी देर में पता चल पाता था जिसके कारण वह अकसर बेहोश हो जाती थी और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था।

ब्रिटेन में फिलहाल कुछ संस्थाएं कुत्तों को खास प्रशिक्षण देने का काम कर रही है। ये संस्थाएं मूलरूप में नेत्रहीनों की मदद के लिए कुत्तों को प्रशिक्षण देती थीं लेकिन संस्था ने पाया कि एक व्यक्ति जो नेत्रहीन था और साथ ही मधुमेह से भी पीड़ित था। उसका प्रशिक्षित कुत्ता उसे तभी जोर जोर से चाटना शुरू कर देता था जब उसका शुगर लेवल कम होता था। इसके बाद अध्ययन में यह पाया गया कि कुत्ते व्यक्ति के पसीने को सूंघ कर उसके शरीर में शुगर का स्तर कम होने या बढ़ने का तुरंत पता लगा लेते है।

इन प्रशिक्षित कुत्तों को 'हाइपो-एलर्ट डाग' कहा जाता है हालांकि विशेष रूप से प्रशिक्षित इन कुत्तों की संख्या अभी काफी कम है।

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