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बल्ले से और जौहर दिखाए जडेजा : धोनी

भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने बुधवार को कहा कि रविंद्र जडेजा में शानदार आलराउंडर बनने की पूरी काबिलियत है लेकिन इस युवा खिलाड़ी को बल्ले से ज्यादा योगदान देने की जरूरत है। जडेजा श्रीलंका के...

बल्ले से और जौहर दिखाए जडेजा : धोनी
एजेंसीWed, 23 Jun 2010 04:26 PM
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भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने बुधवार को कहा कि रविंद्र जडेजा में शानदार आलराउंडर बनने की पूरी काबिलियत है लेकिन इस युवा खिलाड़ी को बल्ले से ज्यादा योगदान देने की जरूरत है।

जडेजा श्रीलंका के खिलाफ अंतिम लीग मुकाबले में पहली ही गेंद पर शून्य पर आउट हो गए थे और लेकिन बल्ले के बजाय बेहतर गेंदबाजी की, लेकिन धोनी चाहते हैं कि जडेजा गेंद के अलावा बल्ले से भी योगदान दे क्योंकि उन्हें लगता है कि जडेजा को टीम में बल्लेबाजी आलराउंडर के तौर पर शामिल किया गया है।

श्रीलंका के खिलाफ गुरुवार को होने वाले एशिया कप फाइनल से पूर्व कप्तान धोनी ने कहा कि जडेजा को बल्ले से ज्यादा योगदान देने की जरूरत है। उसे टीम में बल्लेबाज जो गेंदबाजी भी कर सकता है, के तौर पर चुना गया था। लेकिन अब वह विशेषज्ञ गेंदबाज में बदल गया है। वह अंतिम ओवरों तथा पावरप्ले में गेंदबाजी करता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए मुझे लगता है कि उसमें एक बेहतर आलराउंडर बनने की पूरी काबिलियत है। धोनी ने कहा कि जडेजा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त मौके मिल चुके हैं और अब हम उससे शानदार प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

टीम में युवा खिलाड़ियों के बारे में बात करते हुए धोनी ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए सीखने का अच्छा मौका है। कुछ युवा खिलाड़ियों को यहां खेलने का मौका मिला। जो खिलाड़ी अभी खेल रहे हैं वे हमारी बेंच स्ट्रेंथ नहीं बल्कि अगली कतार के खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन सचिन और युवराज के लौटने पर इन्हें उनके लिए जगह छोड़नी पड़ेगी।
 
धोनी ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को टीम में खेलने का मौका मिलना चाहिए ताकि उनकी प्रतिभा और निखर सके। कप्तान ने कहा कि विश्व कप अभी काफी दूर है और फिलहाल ये कहना काफी मुश्किल है कि तब खिलाड़ियों की फार्म कैसी रहेगी, लेकिन यह अच्छा है कि युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिले।

धोनी ने कहा कि वह गेंदबाजों के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी हमारी मजबूत कड़ी है लेकिन मैं अपने गेंदबाजों से खुश हूं। हमने टूर्नामेंट में ज्यादातर मैचों में दोपहर के सत्र में गेंदबाजी की और इस समय गेंदबाजों को पिच से कोई खास मदद नहीं मिलती।

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